उन्होंने कहा, 'अगर आप इन चीजों को करते हैं तो कृपया दैनिक मजदूरों के बारे में भी सोचें. गोदामें खाली पड़े हैं. इस बात की क्या गारंटी है कि आप तीन महीने बाद जिंदा रहेंगे. दैनिक मजदूरों के बारे में सोचें, कैसे वे अपने परिवारों का गुजारा करेंगे. इन लोगों के बारे में सोचें. यह समय मानवता का है न कि हिंदू-मुस्लिम करने का. लोगों को एक दूसरे की मदद करना होगा.'