दिल्ली के दोनों धुरंधरों विराट कोहली और गौतम गंभीर ने फिरोजशाह कोटला से जुड़े स्थानीय खिलाड़ियों की असफलता के मिथक को तोड़कर भारत को दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में इंग्लैंड पर 80 गेंद शेष रहते हुए आठ विकेट की एकतरफा जीत दिलायी.
भारत ने इसके साथ ही इंग्लैंड का अपनी सरजमीं पर वही हश्र करने का अभियान जारी रखा जैसा उसने अपनी पिचों पर भारतीय टीम का किया था.
कोटला पर अब तक दिल्ली का कोई भी बल्लेबाज खास प्रदर्शन नहीं कर पाया था लेकिन गंभीर (90 गेंद पर नाबाद 84) और कोहली (98 गेंद पर नाबाद 112) ने तीसरे विकेट के लिये 209 रन की अटूट रिकार्ड साझेदारी करके सारे मिथक चूर चूर किये और भारत का स्कोर 36.4 ओवर में दो विकेट पर 238 रन पहुंचाकर उसे पांच मैच की श्रृंखला में 2-0 से आगे कर दिया.
कोहली ने सैकड़ा जड़कर कोटला पर भारतीयों का शतक नहीं जड़ पाने का मिथक भी तोड़ दिया. यह पिछले 15 साल में इस मैदान पर वनडे में किसी भारतीय का पहला शतक है.
पार्थिव पटेल (12) और अजिंक्या रहाणे (14) फिर से टीम को अच्छी शुरुआत देने में असफल रहे. पार्थिव को तो शुरू में ग्रीम स्वान ने जीवनदान भी दिया लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और ब्रेसनन की गेंद को 30 गज के घेरे के उपर से मारने के प्रयास में मिड ऑन पर एलिस्टेयर कुक को कैच दे बैठे.
गंभीर को शुरू में आंख जमाने में समय लगा. उन्होंने ब्रेसनन का रूमाल गिरने के कारण ध्यान भंग होने और ताकतवर शॉट खेलने की शुरुआती हिचकिचाहट के बाद अपने सदाबहार अंदाज में बल्लेबाजी की जबकि उनके जूनियर साथी कोहली शुरू से ही अपने स्थानीय प्रशंसकों को रोमांचित करते रहे.
कुक की गेंदबाजी में लगातार बदलाव की रणनीति भी नहीं चल पायी. कोहली और गंभीर ने इसके बाद न सिर्फ कोटला पर बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ भी तीसरे विकेट की सर्वाधिक रन की साझेदारी का रिकार्ड तोड़ा. यह दोनों ही रिकार्ड 175 रन के थे.
पार्थिव पटेल (12) और अजिंक्या रहाणे (14) फिर से टीम को अच्छी शुरुआत देने में असफल रहे.
पार्थिव को तो शुरू में ग्रीम स्वान ने जीवनदान भी दिया लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और ब्रेसनन की गेंद को 30 गज के घेरे के उपर से मारने के प्रयास में मिड ऑन पर एलिस्टेयर कुक को कैच दे बैठे.
शुरुआती दो ओवर में ही इंग्लैंड का स्कोर बिना किसी रन के दो विकेट हो गया. कुक ने प्रवीण कुमार की उछाल लेती शार्ट पिच गेंद को कट करके प्वाइंट पर खड़े जडेजा को आसान कैच थमाया.
इसके बाद क्रेग कीसवेटर ने विनयकुमार की गेंद पर स्लिप में खड़े कोहली को कैच का अभ्यास कराया. इंग्लैंड का पहला रन 14वीं गेंद पर बना.
ट्राट ने हालांकि जल्द ही विनयकुमार की बाहर जाती गेंद पर बल्ला भिड़ाकर धोनी को कैच दे दिया. उनकी 37 गेंद की पारी में सात चौके शामिल हैं. विनयकुमार ने पहले स्पैल में सात ओवर में 25 रन देकर दो विकेट लिये.
पीटरसन और बोपारा के बीच चौथे विकेट के लिये 89 गेंद पर 73 रन की खतरनाक दिख रही साझेदारी का अंत अश्विन ने किया.
तेज गेंदबाज आर विनयकुमार ने 30 रन देकर चार विकेट लिये जिससे पहले बल्लेबाजी के लिये उतरा इंग्लैंड 48.2 ओवर में 237 रन पर सिमट गया.
विनयकुमार ने इसके बाद ब्रेसनन (12) और ग्रीम स्वान (7) को अपने एक ओवर में पवेलियन भेजा. कर्नाटक के इस तेज गेंदबाज का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 51 रन देकर दो विकेट था जो उन्होंने पिछले साल जिम्बाब्वे के खिलाफ बुलावायो में किया था.
भारत ने इसके साथ ही इंग्लैंड का अपनी सरजमीं पर वही हश्र करने का अभियान जारी रखा जैसा उसने अपनी पिचों पर भारतीय टीम का किया था. भारत की इस आसान जीत की नींव गेंदबाजों ने रख दी थी.
पीटरसन और बोपारा के बीच चौथे विकेट के लिये 89 गेंद पर 73 रन की खतरनाक दिख रही साझेदारी का अंत अश्विन ने किया.