भारत ने भले ही श्रृंखला अपने नाम कर ली हो, लेकिन ‘टीम इंडिया’ अब अपनी पकड़ ढीली करने को तैयार नहीं है.
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के चौथे वनडे में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के धुरंधरों की निगाहें सूपडा साफ करने की ओर होगी.
शुरुआती तीन मैचों में इंग्लैंड को पस्त करने से भारतीय टीम ने अप्रैल में विश्वकप ट्राफी जीतने के बाद एक तरह से छह महीने बाद वापसी की है.
वानखेड़े स्टेडियम की पिच धीमी होने की उम्मीद है. कप्तान धोनी और कोच डंकन फ्लेचर के लिये तीन मैचों में जीत दर्जकर श्रृंखला जीतने के अलावा खुशी की बात यह होगी कि उन्होंने विश्वकप विजेता टीम के कई महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के बिना ऐसा (श्रृंखला जीत ली है) किया है, जिससे टीम की मजबूत ‘बेंच स्ट्रेंथ’ का पता चलता है. भले ही टीम ने यह श्रृंखला घरेलू सरजमीं पर जीती हो.
धोनी जानते हैं कि इंग्लैंड के खिलाड़ी तीन मैचों में हारने के बाद जवाबी हमला बोल सकते हैं, इसलिये वह श्रृंखला में यादगार क्लीन स्वीप करने के लिये इस विजयी लय को जारी रखना चाहेंगे जिसका अंतिम मैच 25 अक्तूकर को कोलकाता में खेला जायेगा.
टीम के लिये अब तक निर्णायक बढ़त में सब कुछ ठीक रहा है जिसमें पहले तीन मैचों में अंतिम एकादश में वही खिलाड़ी मैदान पर उतरे हैं और बल्लेबाजी क्रम भी एक सा रहा है.
घरेलू टीम ने लक्ष्य देने और पीछा करते हुए अच्छी बल्लेबाजी की है जिसमें कप्तान धोनी ने चुनौती का सामना करते हुए ऐसे समय पर पारी को संभाला जब टीम मुश्किल में आ गयी थी.
मोहाली में पांच विकेट की जीत में इस श्रृंखला की टीम में मुंबई की ओर से प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र क्रिकेटर युवा सलामी बल्लेबाज अजिंक्या रहाणे ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जो अपने घरेलू (मुंबई में) दर्शकों के सामने पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे.
बीस वर्षीय रहाणे ने 91 रन बनाकर मैन आफ द मैच पुरस्कार हासिल किया था. उन्होंने और पार्थिव पटेल ने 79 रन जोड़कर 300 रन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये मजबूत नींव रखी थी जिसमें धोनी और रविंदर जडेजा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया.
गौतम गंभीर ने भी अर्धशतक जमाकर अच्छी फार्म दिखायी जिससे टीम ने यह लक्ष्य पांच विकेट रहते ही हासिल कर लिया.
इंग्लैंड के गेंदबाज अभी तक अंदाजा नहीं लगा पाये कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम किस तरह खेलेगा क्योंकि हाल में इंग्लैंड में टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था, इसलिये उन्हें अब अगर मैच में जीत दर्ज करनी है तो उसे कुछ अलग रणनीति बनानी होगी.
इंग्लैंड के लिये परेशानी इस बात से भी बढ़ गयी कि उनका तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स श्रृंखला में एक भी मैच खेले बिना चोटिल हो गया और उनकी जगह ग्राहम ओनियंस को टीम में शामिल किया गया है.