सुशील कुमार विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं.
हरियाणा के रहनेवाले 27 साल के सुशील कुमार ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2010 के फाइनल में रूस के गोगायेव ऐलन को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था.
2008 के बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने कांस्य पदक जीता था. तब ओलंपिक में कांस्य पदक जीतनेवाले सुशील दूसरे भारतीय बने थे. सुशील कुमार दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी गोल्ड मेडल जीता था.
सुशील कुमार के अन्य उपलब्धियों में 2009 स्वर्ण, जर्मन ग्रां प्री और 2008 कांस्य, एशियन कुश्ती चैंपियनशिप भी शामिल है.
1952 हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव के कुश्ती में कांस्य पदक जीतने के बाद ये दूसरा मौका था जब किसी भारतीय पहलवान ने इन खेलों में कोई पदक जीता हो.
इसके बाद सुशील एक-एक कर सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और 2008 में बीजिंग ओलंपिक में उन्होंने 66 किलोग्राम फ़्री-स्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता.
सुशील कुमार को पहली अंतरराष्ट्रीय सफलता जूनियर स्तर पर 1998 में मैनचेस्टर में वर्ल्ड कैडेट गेम्स में मिली जहाँ उन्होंने स्वर्ण पदक जीता. इस सफलता को उन्होंने अगले साल पोलैंड में भी दोहराया.
दिल्ली के नजफ़गढ़ में 26 मई, 1983 को जन्मे सुशील कुमार के दादा, पिता और बड़े भाई कुश्ती करते थे. इसलिए वो भी सातवीं कक्षा से पहलवानी करने लगे. सुशील ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित गुरू सतपाल, यशबीर और रामफल से पहलवानी के गुर सीखे हैं.
2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर पहलवान सुशील कुमार ने भारत में कुश्ती जैसे पारंपरिक और ओलंपिक खेल को एक नई पहचान दी.