टीम इंडिया के होनहार बल्लेबाज विराट कोहली को आईसीसी ने वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया है. पिछले 12 महीनों में सभी विरोधी टीमों के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर उन्हें यह अवॉर्ड दिया गया.
विराट कोहली ने कई मुश्किल मौकों पर टीम इंडिया को मुश्किलों से उबारकर जीत तक पहुंचाया है. दिल्ली के इस क्रिकेटर ने पिछले एक साल के दौरान 31 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 66.65 की औसत से 1,733 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 8 शतक 6 अर्धशतक जड़े.
विराट कोहली पिछले कुछ समय से टीम इंडिया का अहम हिस्सा बन चुके हैं. कोहली को टीम इंडिया के भावी कप्तान के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि खुद कोहली अभी बस अपनी अच्छी फॉर्म का लुत्फ उठा रहे हैं.
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली में हुआ था. अपनी कप्तानी में कोहली ने भारत को अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब जिताया. 2008 में ऐसा कारनामा करने वाले विराट दूसरे भारतीय कप्तान बने थे.
विराट मैच के हर पल का पूरा लुत्फ उठाते हैं. विराट खुद तो जोशीले हैं ही लेकिन वो अपनी मौजूदगी से मैदान पर मौजूद हर खिलाड़ी में जोश भर देते हैं. शतक ठोकने के बाद अक्सर ही आप उन्हें इतने जोश में देख सकते हैं.
कोहली ने अभी तक महज 10 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन इस दौरान उन्होंने ये दिखा दिया है कि वह वनडे और टी-20 के अलावा टेस्ट क्रिकेट के भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं. विराट के नाम टेस्ट क्रिकेट में अभी तक 2 शतक दर्ज हैं.
कोहली सबसे शानदार प्रदर्शन एशिया कप में रहा, जहां उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 183 रनों की शानदार पारी खेली थी.
कोहली की खासियत है कि चुनौतियों से कभी नहीं घबराते नहीं हैं और हमेशा पॉजिटिव रहते हैं.
यह युवा बल्लेबाज अपने प्रदर्शन में हमेशा निरंतरता बनाए रखने की कोशिश करता है, जो अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट में टिके रहने के लिए जरुरी है.
पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने विराट कोहली की प्रशंसा करते हुए उन्हें मौजूदा फॉर्म में ‘सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज’ करार दिया. विराट को करियर के शुरू में स्वच्छंद क्रिकेटर कहा जाता था.
विराट कोहली ने अपने अंतर्राष्ट्रीय वनडे करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए 18 अगस्त 2008 को की थी.
विराट बहुत ही सामान्य परिवार से हैं. उनके पिता प्रेम कोहली ऐडवोकेट थे.
कवर ड्राइव और कलाई से फ्लिक कर गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने में विराट कोहली का कोई सानी नहीं है.
23 बरस की उम्र के क्रिकेटरों में विराट बिना शक भारत ही नहीं, दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर हैं.
स्टारडम की चमक-दमक विराट ने 18 बरस की उम्र में ही देख ली, लेकिन इससे विराट के इरादों में कभी कोई कमी नहीं आई.
विराट मिजाज से आक्रामक हैं. इसी अंदाज में क्रिकेट भी खेलते हैं, मैदान पर वह स्लेजिंग का जवाब भी पलट कर देने में यकीन करते हैं.
आलोचक इसके लिए भले ही उनकी आलोचना करें लेकिन विराट ने अपना अंदाज बदला नहीं है. वह बहुत ही फोकस होकर खेलते हैं.
मैदान पर वह ज्यादा-से-ज्यादा वक्त क्रीज पर बिताने में यकीन करते हैं. यह उनकी ताकत है. विराट कई बार अति आत्मविश्वास में स्ट्रोक खेल कर विकेट गंवा देते हैं.
दुनिया के सर्वकालिक महान ओपनर सुनील गावस्कर, पाकिस्तान के रमीज राजा और तकनीकी रूप से बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक संजय मांजरेकर ने एक सुर में विराट कोहली को भारत की बल्लेबाजी का फ्यूचर बताया है.
विराट दिल्ली की टीम की ओर से फिरोजशाह कोटला मैदान पर कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे थे, इसी दौरान उनके पिता की मौत हो गई. दिल्ली टीम तब गहरे संकट में थी. पिता के दाह संस्कार के बाद विराट अगले दिन फिर बल्लेबाजी के लिए लौटे और 90 से ज्यादा रन बनाए.