भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने ओलंक खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता में फ्रीस्टाइल के 60 किलो वजन वर्ग के रेपेचेज प्ले ऑफ मुकाबले में शनिवार को उत्तर कोरिया के जांग म्यांग री को हराकर कांस्य पदक हासिल किया.
प्रीक्वार्टर फाइनल में हारने वाले योगेश्वर ने रेपचेज राउंड में एक घंटे से भी कम समय में लगातार तीन जीत हासिल करके लंदन ओलंपिक में भारत को कुश्ती स्पर्धा का पहला और कुल पांचवां पदक दिलाया.
हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले 29 वर्षीय योगेश्वर चार साल पहले बीजिंग ओलंपिक में पदक से चूक गये थे लेकिन यहां उन्होंने शानदार तकनीक और पहलवानी का जज्बा दिखाते हुए लगातार तीन यादगार जीत के साथ कांस्य पदक जीता.
प्रीक्वार्टर फाइनल में हारकर योगेश्वर ने रेपेचेज राउंड में प्रवेश किया था क्योंकि उन्हें प्रीक्वार्टर फाइनल में हराने वाले रूस के बेसिक कुदुखोव फाइनल में पहुंचे थे. रेपेचेज राउंड में योगेश्वर को कांस्य पदक के लिए तीन पहलवानों को हराना था. उन्होंने पहले मुकाबले में पुएर्तो रिको के पहलवान मातोस फ्रेंकलिन गोमेज को 3-0 से जबकि दूसरे दौर में ईरान के पहलवान मसूद इस्माइल पूरजोयबारी को 3-1 से हराया.
इन दो जीतों ने योगेश्वर में पदक जीतने का भरोसा पैदा कर दिया जो तीसरे मुकाबले में उनके प्रदर्शन में भी नजर आया. भारतीय पहलवान ने उत्तर कोरियाई पहलवान को हराकर पदक जीतने का सपना पूरा किया.
कांस्य पदक के मुकाबले में योगेश्वर की शुरुआत खराब रही जब वह पहले गेम में उत्तर कोरियाई प्रतिद्वंद्वी के हाथों पहला अंक गंवा बैठे. हालांकि दूसरे गेम में योगेश्वर ने वापसी की और म्योंग री के साथ कुल स्कोर बराबर कर लिया. अब बारी तीसरे और अंतिम गेम की थी. योगेश्वर ने इस गेम में गजब की चपलता दिखाते हुए लगातार छह तकनीकी अंक हासिल किये और इसी के साथ उनकी जीत पक्की हो गई और तीन बार के ओलंपियन योगेश्वर पदक जीतने में सफल रहे.
जीत के बाद जश्न मनाते हुए सुशील कुमार.