राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने कहा कि रियो ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों का प्रतिबंधित दवाओं का परीक्षण हो चुका है और वे सभी डोपिंग मुक्त हैं. अग्रवाल ने ये भी स्वीकार किया कि रियो जाने वाले कुछ खिलाड़ियों के परीक्षण संबंधित कुछ मुद्दे थे. लेकिन, नाडा ने बाद में उनके परीक्षण करा लिए.
विदेश में ट्रेनिंग कर रहे खिलाड़ियों का भी हुआ परीक्षण
अग्रवाल पिछले महीने इस पद से जुड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘रियो जाने वाले सभी एथलीटों का परीक्षण हो गया है. कुछ एथलीटों का कम से कम एक बार परीक्षण हो चुका है. कुछ का दो बार और कुछ का तीन बार परीक्षण हुआ है.' उन्होंने बताया, 'कुछ एथलीटों के दूसरे मौके पर परीक्षण नहीं हो सके, क्योंकि वे विदेश में ट्रेनिंग कर रहे थे. लेकिन उनका कम से कम एक बार परीक्षण हो चुका है.’ उन्होंने कहा, ‘जो विदेश में ट्रेनिंग कर रहे थे, हमने कुछ एजेंसी को उनके विदेश में नमूने एकत्रित करने के लिए रखा और हमने इन सभी एथलीटों के नमूनों के परीक्षण कर लिए हैं.
एथलीटों को लेकर काफी सख्त है नाडा
अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि रियो ओलंपिक में जाने वाली भारतीय टीम इस बार कोई डोपिंग उल्लघंन नहीं करेगी. हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि अन्य देशों से भी कोई डोपिंग उल्लघंन नहीं होगा. जहां तक हमारे एथलीटों की बात है तो हम काफी सख्त हैं, हम अन्य देशों से भी इसी सख्ती की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि खेलों में कोई डोपिंग नहीं हो.’
2004 में आया था डोपिंग उल्लघंन का मामला
बता दें, साल 2004 ओलंपिक में भारतीय टीम को डोपिंग डंक का सामना करना पड़ा था, क्योंकि दो भारोत्तोलक सानामाचू चानू और प्रतिमा कुमारी प्रतिबंधित पदार्थ के परीक्षण में पॉजिटीव पाई गई थीं, जबकि एक अन्य भारोत्तोलक मोनिका देवी को 2008 बीजिंग ओलंपिक के लिये रवाना होने से एक दिन पहले रोक दिया गया था.