कैरोलिना मारिन को हिंदुस्तान में आज से पहले कम ही लोग जानते थे. लेकिन जब कैरोलिना मारिन ने पीवी सिंधू को ओलंपिक गोल्ड मेडल मैच में हराया, तो मारिन का नाम हर हिंदुस्तानी को पता चला. दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी मारिन की पहली पसंद बैंडमिंटन नहीं था. 23 साल की मारिन तो आठ साल की उम्र तक बैडमिंटन के बारे में तो कुछ जानती तक नहीं थी. जी हां, स्पेन जहां लोग फुटबॉल और टेनिस के दीवाने हैं, वहां बैडमिंटन कम ही लोग खेलते हैं.
नाचने का सपना देखने वाली मारिन ने सिंधू को खूब नचाया
स्पेन में पूरे देश में महज सात हज़ार लोग ही बैडमिंटन खेलते हैं. इसलिए चीन, जापान, इंडोनेशिया और यहां तक कि भारत जहां लाखों लोगों की पहली पसंद बैडमिंटन है, उसके ठीक उलट स्पेन में तो बैडमिंटन का क्रेज बिलकुल है ही नहीं. इसलिए ओलंपिक में किसी स्पेनिश खिलाड़ी का गोल्ड मेडल जीतना किसी अजूबे से कम नहीं. इससे बड़ा अजूबा और नाटकीय तो कैरोलिना मारिन की बैडमिंटन में एंट्री रही, आठ साल की उम्र में बैडमिंटन कोर्ट पर मारिन ने अपने एक दोस्त के साथ पहली बार एंट्री मारी, लेकिन उसके बाद वही बैडमिंटन कोर्ट उसका पहला प्यार बन गया.
फ्लैमेंको डांस था मारिन का पहला प्यार
दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी मारिन बैडमिंटन कोर्ट पर बड़ी आक्रामक दिखतीं हैं. बाएं हाथ की इस खिलाड़ी के स्मैश और प्लेसमेंट का वाकई कोई जवाब नहीं. पीवी सिंधू को भी इसी की बदौलत उन्होंने खूब छका कर ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीत लिया. लेकिन बैडमिंटन से अफेयर शुरु होने से पहले मारिन एक फ्लैमेंको डांसर बनना चाहती थीं. लेकिन जब से उन्होंने बैडमिंटन को अपने कैरियर के तौर पर चुना उसके बाद भी चुनौती कम नहीं हुई. स्पेन में महिला खिलाड़ी प्रैक्टिस तक के लिए नहीं मिल पाती थीं, इसलिए नंबर वन का सफर तय करने से पहले उन्हें पुरुष खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता था. बाद में जब चुनौती मजबूत चीनी खिलाड़ियों से लोहा लेने की आई तो मारिन ने थाईलैंड और इंडोनेशिया जाकर प्रैक्टिस करनी शुरु कर दी. पिछले एक साल में तो मारिन का प्रदर्शन काफी जबरदस्त रहा है और दुनिया की कोई भी बड़ी खिलाड़ी नहीं है, जिसे कैरोलिना ने धूल न चटाई हो.
हर प्वाइंट पर चिल्लाती क्यों हैं कैरोलिना
कैरोलिना कोर्ट पर एग्रेसिव होती हैं और इसलिए अपने विरोधियों का हौसला तोड़ने के लिए हर प्वायंट जीतने के बाद चिल्लाती जरुर हैं. इसके अलावा लंबी रैली से वो अपने विरोधियों की खूब परीक्षा लेती हैं. ओलंपिक का गोल्ड मेडल कैरोलिना की कोई पहली कामयाबी नहीं है, इससे पहले वो वर्ल्ड चैंपियन होने के साथ ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप भी जीत चुकीं हैं.