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रियो ओलंपिक में पदक के लिए बेहद कड़ी मेहनत करूंगी: दीपा कर्माकर

रियो ओलंपिक के लिए पहली बार किसी भारतीय महिला जिमनास्ट के रूप में क्वालीफाई करने वाली दीपा कर्माकर ने कहा है कि वो इस महाकुंभ में पदक जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ेगी.

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अपने कोच नंदी के साथ दीपा कर्माकर
अपने कोच नंदी के साथ दीपा कर्माकर

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रियो ओलंपिक के लिए पहली बार किसी भारतीय महिला जिमनास्ट के रूप में क्वालीफाई करने वाली दीपा कर्माकर ने कहा है कि वो इस महाकुंभ में पदक जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं रख छोड़ेगी.

देश पहुंचने पर दीपा का भव्य स्वागत
इतिहास रचने वाली दीपा कर्माकर का अपने देश पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. उसने पत्रकारों से कहा, ‘जब से मैंने जिम्नास्टिक शुरू किया है, मैं ओलंपिक खेलना चाहती थी. मैंने सपना देखा था कि एक दिन ओलंपिक में अपने देश का नाम रोशन करूंगी. मैंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया है.’

उसने कहा, ‘अब मैं पहले से ज्यादा मेहनत करूंगी और उम्मीद है कि रियो ओलंपिक में पदक जीत सकूं. मैं पूरा प्रयास करूंगी कि इतिहास रचती रहूं. यही मेरा लक्ष्य है. ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में लगी मेहनत के बारे में उसने कहा, मैं पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप के जरिए ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद मैंने रियो टेस्ट इवेंट को लक्ष्य बनाया और मुझे लक्ष्य हासिल करने की खुशी है.’

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‘स्टार खिलाड़ी नहीं हूं मैं’
तमाम प्रशंसाओं के बावजूद त्रिपुरा की इस जिम्नास्ट ने कहा कि वह खुद को स्टार खिलाड़ी नहीं मानती. कर्माकर ने कहा, ‘मैं कोई स्टार नहीं हूं. मैं इस तरह से नहीं सोचती. मेरा काम मेहनत करते रहना है. ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना मेरा लक्ष्य है. यह पूछने पर कि ओलंपिक की तैयारी के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा मुहैया कराया गया बुनियादी ढांचा ठीक था, उसने कहा, ‘मुझे लगता है कि यहां बुनियादी ढांचा अच्छा है. इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में फोम की पिट है और साइ ने मुझसे दो दिन में नया स्प्रिंगबोर्ड लगवाने का वादा किया है. अब मेरा पूरा फोकस अभ्यास पर है.’

‘ठान लिया तो करके ही मानती है दीपा’
दीपा अपना ओलंपिक क्वालीफिकेशन कोच बिश्वेशवर नंदी को समर्पित किया जो पिछले 16 साल से उसके कोच है. उसने कहा, ‘यह काफी कठिन था लेकिन मेरे पास उनके जैसा महान मेंटर है जिनकी वजह से मैं यहां हूं. अगर वो नहीं होते तो मुझे कोई नहीं पहचानता. मैं अपनी उपलब्धि उनको समर्पित करती हूं.’

नंदी ने कहा कि दीपा ने अभी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं किया है और परफेक्शन की ललक उसे दूर तक ले जाएगी. उन्होंने कहा, ‘वह परफेक्शन की भूखी है और जिद्दी भी है. वह जो ठान लेती है, करके ही मानती है. उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है और वह रियो में इससे बेहतर कर सकती है.’

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