पूर्व विश्व चैम्पियन और दो बार ओलंपिक खेलों में शिरकत कर चुकी डोला बनर्जी को उम्मीद है कि भारतीय तीरंदाज पांच से 21 अगस्त तक होने वाले रियो दि जिनेरियो ओलंपिक में पदकों का खाता खोलेंगे.
भारतीय तीरंदाजों का विश्व स्तर पर बड़े तीरंदाजों के खिलाफ प्रदर्शन अच्छा रहा है लेकिन ओलंपिक में उन्हें आज तक पदक नहीं मिला. इतना ही नहीं, डोला को उम्मीद है कि इस बार ओलंपिक में तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में भारत को कम से कम दो पदक मिलेंगे.
भारतीय महिला तीरंदाजी टीम 2004 में एथेंस ओलंपिक और 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान मेडल जीतन के करीब पहुंच गई थी. तब टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी.
डोला ने कहा, ‘इस बार सब कुछ बदल जाएगा. मुझे कम से कम दो पदक की उम्मीद है. हमने निशानेबाजी में पहले पदक के बाद बदलाव देखा है. इसी तरह ओलंपिक पदक से तीरंदाजी को बढ़ावा मिलेगा.’ पिछली बार लंदन ओलंपिक में भारतीय तीरंदाज दीपिका कुमारी वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर एक थी और उससे पदक की उम्मीद थी लेकिन वह नाकाम रही.
डोला ने कहा, ‘उस समय अधिकांश तीरंदाज वाइरल की चपेट में थे. दीपिका और पूरी पुरुष टीम बीमार थी. रिकवरी के लिए समय ही नहीं था. मौसम बहुत ठंडा था और तीर चलाना मुश्किल हो रहा था.’