भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने कहा कि उनकी और रोहन बोपन्ना की जोड़ी अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगी. पेस का यह सातवां ओलम्पिक होगा. हालांकि, पुरुष युगल रैंकिंग में फिसलने के बाद उनके सातवें ओलम्पिक में खेलने के सपने को थोड़ा झटका लग सकता है.
ताजा पुरुष युगल रैंकिंग में लिएंडर पेस 46वें स्थान पर हैं और यह रैंकिंग उन्हें रियो ओलंपिक 2016 का टिकट दिलाने के लिए काफी नहीं है.
रोहन बोपन्ना ने ताजा जारी पुरुष रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाई है. इस वजह से उनका रियो का टिकट पक्का है. उन्हें पेस, पूरव राजा (103), दिविज शरण (114), साकेथ मेयनेनी (125), जीवन नेदुनचेझियान(134) और महेश भूपति (164) में से किसी एक को अपना जोड़ीदार चुनना है.
पेस ने कहा, ‘बिना कोई शक के मैं और बोपन्ना रियो में पदक के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम हैं. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम रियो भेजेगा.’
बोपन्ना और पेस के अतीत में रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं. उन्होंने 2012 लंदन ओलम्पिक में पेस के साथ जोड़ी बनाने से मना कर दिया था. पेस का बोपन्ना और भूपति के साथ खराब संबंध, भारतीय टेनिस का बड़ा मुद्दा रहा है. वहीं, बोपन्ना का कहना है कि पेस और उनके बीच लंदन ओलम्पिक के दौरान की बात पुरानी हो चुकी है और वह देश के लिए पेस के साथ खेल सकते हैं.
पेस ने हाल ही में मिश्रित युगल में स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस के साथ फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया है. पेस का कहना है कि उनका फ्रेंच ओपन का यह पहला मिश्रित युगल का खिताब उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है.
उन्होंने कहा, ‘फ्रेंच ओपन की ट्रॉफी मेरे लिए खास है. हमने दुनिया को बताया है कि भारतीय खिलाड़ी भी विश्व के और खिलाड़ियों को हरा सकते हैं.’
उनकी बढ़ती उम्र के साथ ही उनके संन्यास लेने के सवाल भी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पेस इस पर ज्यादा कुछ बोले नहीं. उन्होंने कहा, ‘एक दिन मुझे संन्यास लेना है. शायद रियो, हो सकता है अगला ग्रैंड स्लैम, या दो-तीन साल और... मैं उस दिन संन्यास लूंगा जब मुझे लगेगा कि मैं अब और नहीं खेल सकता.’