दुनिया में खेलों के सबसे बड़े आयोजन ओलंपिक का समापन हो चुका है. खेल गांव में खुशियों और गम के दौर के बीच विदा लेते हुए एथलीटों की नजर अब 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक पर होगी. ब्राजील के रियो डी जनेरियो में करीब डेढ़ महीने तक चले इस आयोजन में कई एथलीटों की वर्षों की मेहनत रंग लाई, तो कई के सपने भी टूटे. आइए, एक नजर डालते हैं इस बार के ओलंपिक में बने कुछ रिकॉर्ड, रचे गए कुछ इतिहास पर एक नजर...
1. इस बार ब्रिटेन को बड़ा फायदा
अमेरिका सबसे ज्यादा गोल्ड (45) समेत कुल 120 मेडल जीतकर रियो में भी टॉप पर है. पिछली बार लंदन में हुए ओलंपिक खेलों में शीर्ष पायदान पर रहे अमेरिका ने 46 गोल्ड मेडल जीते थे लेकिन कुल पदकों की संख्या 104 ही रही थी. इस बार सबसे ज्यादा फायदा ब्रिटेन को हुआ है. पिछली बार कुल 65 पदकों के साथ ब्रिटेन तीसरे पायदान पर रहा था, लेकिन इस बार 67 पदकों के साथ वह चीन को पीछे छोड़ते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया. पिछली बार ब्रिटेन की झोली में 29 गोल्ड मेडल थे, लेकिन इस बार 27 स्वर्ण पदकों के साथ ही वह दूसरे पायदान पर पहुंच गया है.
2. नेमार ने दागा सबसे तेज गोल
रियो ओलंपिक में ब्राजील और होंडुरास के बीच खेले गए फुटबॉल सेमीफाइनल के दौरान मेजबान टीम के स्टार स्ट्राइकर नेमार ने ओलंपिक के इतिहास का सबसे तेज गोल दागते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. इस मैच में होंडुरास गेम खत्म करने की ओर बढ़ रहा था कि नेमार ने फुर्ती दिखाते हुए गेंद पर कब्जा किया और महज 14 सेकेंड्स के भीतर ही इसे विपक्षी टीम के गोल पोस्ट में पहुंचा दिया. कहा जा रहा है कि नेमार जिस तेजी से गेंद को लेकर दौड़े थे, उस वक्त उनकी स्पीड विश्व रिकॉर्डधारी फर्राटा धावक उसैन बोल्ट से महज 5.42 सेंकेड कम थी. ब्राजील ने इस मैच को 6-0 से अपने नाम किया था. इससे पहले सबसे तेज गोल दागने का रिकॉर्ड मेक्सिको के ओरिबे पेराल्टा के नाम था, जिन्होंने पिछले ओलंपिक में ब्राजील के खिलाफ वेम्बले स्टेडियम में खेले गए एक मुकाबले के दौरान 28 सेकेंड में गोल दागा था.
3. मैराथन में पहली बार ट्रिप्लेट्स
एस्टोनिया की रहने वाली एक जैसी दिखने वाली तीन बहनों (ट्रिप्लेट्स) का नाम ओलंपिक के इतिहास में दर्ज हो गया. इन बहनों ने ओलंपिक के मैराथन में हिस्सा लेने वाली पहली ट्रिप्लेट्स होने का रिकॉर्ड बनाया. लीना, लिली और लीला लुईक ने खुद को 'ट्रायो टू रियो' के तौर पर पेश किया और इनकी दौड़ को एस्टोनिया टूरिज्म बोर्ड ने स्पॉन्सर किया था. 30 साल की इन बहनों ने महज 6 साल पहले मैराथन को अपना कॅरियर बनाने की बात सोची थी और इस बार ओलंपिक में हिस्सा लिया. इन तीनों में से लीना हालांकि दौड़ पूरा भी नहीं कर पाईं, वहीं लिली 97वें स्थान पर और लीला 114वें स्थान पर रहीं. लेकिन इन तीनों ने ओलंपिक के स्वर्णिम रिकॉर्ड बुक में अपना नाम जरूर दर्ज करा लिया.
4. 400 मीटर का 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
साउथ अफ्रीका के वेड वान निकेर्क ने रियो में 17 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जब उन्होंने 400 मीटर की फाइनल दौड़ महज 43.03 सेकेंड्स में पूरी की. वेड ने न सिर्फ माइकल जॉनसन के 17 साल के रिकॉर्ड को तोड़ा बल्कि इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया. जॉनसन ने 1999 में यह दूरी 43.18 सेकेंड में पूरी की थी. उस वक्त माना जा रहा था कि अमेरिकी फर्राटा धावक जॉनसन के इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना मुमकिन नहीं है.
5. ट्रैक साइक्लिंग में रिकॉर्ड
ग्रेट ब्रिटेन ने रियो ओलंपिक में न सिर्फ पदक तालिका में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि इसकी महिला साइक्लिंग टीम ने रिकॉर्ड बनाया. ओलंपिक ट्रैक साइक्लिंग की 4 किमी की स्पर्धा में कैटी आर्किबाल्ड, लॉरा ट्रॉट, एलिनर बार्कर और जोआना रॉसल ने 4 मिनट 13.260 सेकेंड का समय लेते हुए ऑस्ट्रेलिया के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.
6. सबसे सुसज्जित ओलंपियन बने फेल्प्स
अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स रियो में भी छाए रहे. फेल्प्स ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल, सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल और तैराकी में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल हासिल करने वाले एथलीट बन गए हैं. फेल्प्स ने अपने ओलंपिक करियर में कुल 28 मेडल हासिल किए हैं, इनमें 23 केवल गोल्ड मेडल हैं. 31 साल के इस अमेरिकी तैराक ने 2004 में एथेंस में हुए ओलंपिक खेलों में 6 गोल्ड मेडल जीते थे. 2008 में बीजिंग में 8 गोल्ड मेडल और 2012 में लंदन में हुए ओलंपिक में 4 गोल्ड मेडल जीते. इस बार रियो में फेल्प्स ने 5 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं.
7. हेवीवेट वेटलिफ्टिंग में टूटा 16 साल का रिकॉर्ड
चीन के लॉन्ग किंग क्वान ने 56 किलोग्राम भारवर्ग की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में कुल 307 किलोग्राम का रिकॉर्ड वजन उठाया. चीन के इस एथलीट ने इस तरह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए इसका 16 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. 25 साल के क्वान ने रियो में गोल्ड मेडल हासिल किया. इन्होंने 2008 में अपने देश में हुए ओलंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया था. पिछले ओलंपिक में नॉर्थ कोरिया के ओम यून चोल ने इस श्रेणी में 303 किलोग्राम का वजन उठाया था.
8. धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले शख्स बने बोल्ट
जमैका के मशहूर एथलीट उसैन बोल्ट ने रियो ओलंपिक में भी 100 मीटर, 200 मीटर और 4x100 की रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया. इन तीनों स्पर्धाओं में लगातार तीन ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले पहले एथलीट बन गए हैं. बीजिंग और लंदन ओलंपिक में भी बोल्ट ने यह कारनामा किया था. इस तरह बोल्ट ने साबित कर दिया कि वो धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले शख्स हैं.
9. पीवी सिंधू ने रचा इतिहास
अपना पहला ओलंपिक खेल रही भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. सिंधू ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. इससे पहले भारत का कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी इस मुकाम तक नहीं पहुंच सका है. सिंधू ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले के फाइनल में पहुंच कर भी इतिहास रच चुकीं थी.
10. भारत की साक्षी ने भी रचा इतिहास
भारत की साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. वो भारत की पहली भारतीय महिला पहलवान हैं, जिन्होंने ओलंपिक में 58 किलो भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता.