scorecardresearch
 

रियो ओलंपिक : भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी श्रीकांत क्वार्टर फाइनल में हारे

श्रीकांत ने लिन डैन को आसानी ने नहीं जीतने दिया. एक समय ऐसा लग रहा था कि श्रीकांत रियो ओलंपिक में बड़ा उलटफेर करने में कामयाब रहेंगे. मुकाबले के बाद श्रीकांत ने कहा कि 'मैंने जैसा प्रदर्शन किया, उससे मैं कभी दुखी नहीं होता.

Advertisement
X
किदाम्बी श्रीकांत, बैडमिंटन खिलाड़ी, भारत
किदाम्बी श्रीकांत, बैडमिंटन खिलाड़ी, भारत

Advertisement

रियो ओलंपिक में भारत के पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. श्रीकांत ने दुनिया के नंबर दो बैडमिंटन खिलाड़ी के सामने शानदार खेल दिखाया. लेकिन चीन के खिलाड़ी लिन डैन से 6-21,21-11,18-21 से हार का सामना करना पड़ा.

प्रदर्शन से खुश हैं श्रीकांत
श्रीकांत ने लिन डैन को आसानी से नहीं जीतने दिया. एक समय ऐसा लग रहा था कि श्रीकांत रियो ओलंपिक में बड़ा उलटफेर करने में कामयाब रहेंगे. मुकाबले के बाद श्रीकांत ने कहा कि 'मैंने जैसा प्रदर्शन किया उससे मैं कभी दुखी नहीं होता. मैंने पूरे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया. सिर्फ मैं जीत हासिल नहीं कर सका या मैच का परिणाम अपने पक्ष में नहीं रख सका. इसके बावजूद मैं मैच में कई बार अपने विपक्षी पर हावी रहा.'

Advertisement

कई मौकों पर हावी रहे श्रीकांत
बैडमिंटन इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ियों में शुमार किए जाने वाले लिन डैन के खिलाफ अपनी रणनीति पर श्रीकांत ने कहा, 'उनकी तरह के महान खिलाड़ी के खिलाफ वास्तव में आप कोई तय रणनीति के साथ खेल ही नहीं सकते. और आप किसी एक रणनीति का दोबारा उपयोग भी नहीं कर सकते.' 11वीं विश्व वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने कहा, 'मैंने कोई खास रणनीति नहीं बनाई थी. मैं सिर्फ आक्रामक खेल खेलना चाहता था और सामान्य गलतियां करने से बचना चाहता था. रणनीति तो खास नहीं थी, सिर्फ मैं लंबी रैलियों में खुद को बनाए रखना चाहता था.'

लिन डैन को हरा चुके हैं श्रीकांत
लिन डैन को ही हराकर चीन ओपन-2014 का खिताब जीत चुके श्रीकांत ने मैच के दौरान पहले गेम में कुछ सामान्य गलतियां करने और तीसरे गेम को अपने पक्ष में न रख पाने पर हताशा जताई. उन्होंने कहा, 'तीसरे गेम में मैं एक समय अच्छी बढ़त हासिल कर चुका था, लेकिन मैंने वहां कुछ सामान्य गलतियां कीं. इस गेम मैं जब 17-19 के स्कोर पर था तो मुझे स्मैश शॉट नहीं खेलना चाहिए था. अहम क्षणों में मुझे नहीं लगता कि अनुभव का कोई फायदा होता है. मेरा वह स्मैश खेल को बदलने वाला साबित हुआ.' उन्होंने आगे कहा, 'अगर मैं साधारण शॉट खेलता तो स्कोर 18-19 हो चुका होता. यह दबाव भरा समय था और मैंने स्मैश खेलते हुए स्कोर लिन डैन के पक्ष में 17-20 कर दिया.' श्रीकांत ने ओलंपिक के लिए दो महीने जमकर तैयारी की थी.

Advertisement
Advertisement