देश की नंबर एक मिक्स डबल्स जोड़ी सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना को कांस्य पदक के लिए हुए प्लेऑफ मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. इस हार के साथ ही भारत की टेनिस से भी मेडल की उम्मीद पूरी तरह से खत्म हो गई.
सानिया और बोपन्ना हारे
रियो ओलंपिक टेनिस सेंटर कोर्ट-1 में हुए इस मुकाबले में सानिया और बोपन्ना को चेक गणराज्य की लुसी ह्रादेका और राडेक स्टेपानेक की जोड़ी ने सीधे सेटों में 6-1, 7-5 से हरा कर ब्रांज मेडल हासिल किया. चेक गणराज्य की जोड़ी ने एक घंटे और 11 मिनट में यह मुकाबला अपने नाम किया.
भारतीय जोड़ी की पहली सर्विस ब्रेक हुई
सानिया और बोपन्ना की जोड़ी अपनी पहली सर्विस को संभाल नहीं पाई और उनके विरोधियों ने पहले ब्रेक प्वाइंट का फायदा उठाते हुए 2-0 से बढ़त ले ली. इस बढ़त को बढ़ाते हुए लुइस और राडेक की जोड़ी ने 3-0 कर दिया. लिएंडर पेस के पूर्व जोड़ीदार राडेक ने अपने अनुभव का भरपूर फायदा उठाया. लुइस और राडेक की जोड़ी ने पांच ब्रेक प्वाइंट में से दो अपने नाम किए और महज 27 मिनट में पहला सेट जीता.
नहीं काम आया संघर्ष
दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी ने वापसी करने की पूरी कोशिश की और अच्छा संघर्ष भी किया. हालांकि उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही और चेक जोड़ी ने 1-0 से बढ़त ले ली. सानिया-बोपन्ना ने तुरंत बराबरी की और फिर 3-1 से आगे हो गए. लेकिन यह जोड़ी इस बढ़त का फायदा नहीं उठा सकी और जल्दी लुइस और राडेक की जोड़ी ने 3-3 से बराबरी कर ली. दोनों टीमों ने इसके बाद 1-1 अंक हासिल किया और स्कोर 4-4 से बराबर हो गया. बोपन्ना ने संयम रखते हुए पिछड़ने के बाद भारत को एक बार फिर 5-5 से बराबरी पर ला दिया. लेकिन सानिया ने मैच के अहम समय दबाव में सर्विस करते हुए तीन ब्रेक प्वाइंट किए. भारतीय जोड़ी ने हालांकि दो ब्रेक प्वाइंट बचाए, लेकिन फिर भी 5-6 से पीछे हो गई. लुइस ने अहम समय पर मैच प्वाइंट बचाया और भारत को इस ओलंपिक में अपने पहले पदक से दूर रखा.
टूट गया सपना
इससे पहले सानिया-बोपन्ना की जोड़ी को सेमीफाइनल में अमेरिका की वीनस विलियम्स और राजीव राम की जोड़ी ने 6-2, 2-6, 3-10 से मात दी थी. उस मुकाबले में भारतीय जोड़ी ने इसी तरह की गलतियां की थी. जिसकी वजह से हार मिली. इस हार के साथ ही भारत का टेनिस में पदक जीतने का सपना टूट गया.