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Rio Olympic: आज दीपा करमाकर जमाएंगी रंग

छोटे से शहर के रास्ते से निकलकर रियो तक पहुंचना, उनकी कुछ कर गुजर जाने की चाहत को दिखाता है. आज दीपा खेलों के महाकुंभ में अपनी मौजूदगी का अहसास दुनियां को करा रही हैं. दीपा रियो में भले ही कोई पदक जीते या नहीं, लेकिन खेल प्रेमी उनकी इस कामयाबी पर गर्व महसूस करते रहेंगे.

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दीपा करमाकर
दीपा करमाकर

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रविवार का दिन भारतीय खेल प्रेमियों और एथलीटों के लिए बेहद खास होने वाला है. पहली बार ओलंपिक के जिमनास्टिक इवेंट में उतरकर दीपा इतिहास रच देंगी. देश का हर खेल प्रेमी इस एतिहासिक पल का गवाह बनना चाहेगा. हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि दीपा कुछ कमाल जरूर कर दिखाएंगी.

चार महीने पहले किया क्वालीफाई
त्रिपुरा की दीपा करमाकर ने चार महीने पहले ही रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. जिमनास्टिक जैसे खेल को सर्कस समझने वाले देश में दीपा के लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था. छोटे से शहर के रास्ते से निकलकर रियो तक पहुंचना, उनकी कुछ कर गुजर जाने की चाहत को दिखाता है. आज दीपा खेलों के महाकुंभ में अपनी मौजूदगी का अहसास दुनियां को करा रही हैं. दीपा रियो में भले ही कोई पदक जीते या नहीं, लेकिन खेल प्रेमी उनकी इस कामयाबी पर गर्व महसूस करते रहेंगे.

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'प्रोडूनोवा' में महारत हासिल है
दीपा जिमनास्टिक के सबसे मुश्किल वॉल्ट को करने में माहिर हैं. 'प्रोडूनोवा' ये वो वॉल्ट है जिसे दुनियां में बेहद ही कम जिमनास्ट कर पाते हैं. जिसमें जान जाने का खतरा बना रहता है. इसमें महारत हासिल करने के लिए उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया और अब वो अपने प्रदर्शन के लिए उस पर विश्वास कर रही हैं. सब कुछ सही रहा तो दीपा को ओलंपिक में इतिहास रचने से कोई नहीं रोक सकता.

दीपा का दमदार प्रदर्शन
दीपा ने 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला जिमनास्ट हैं. इसके अलावा उन्होंने उन्होंने हिरोशिमा में हुए एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और 2015 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वह फाइनल राउंड तक पहुंची और प्रतियोगिता में पांचवें स्थान पर रही थीं बस अब हर किसी को इंतजार है कि रियो में वो हो, जिसका सपना करोंडो भारतीय देख रहे हैं. और कहे रहे हैं दीपा देश को उन पर सदा नाज रहेगा.

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