रियो ओलंपिक में जिन खेलों से पदक की उम्मीद की जा रही है, उनमें से एक बैडमिंटन है, पिछले कुछ सालों में भारतीय बैडमिंटन ने जिन ऊंचाईयों को छुआ है, भारत में शायद ही किसी खेल ने छुआ हो. ओलंपिक इतिहास में ऐसा पहली बार है. जब देश के सात बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. जाहिर है भारतीय खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद लगाना बेमानी नहीं होगा.
चीनी खिलाड़ियों से पार पाना होगा
रियो में भारतीय खिलाड़ियों को किसी से खतरा है तो वो हैं चीनी खिलाड़ी , भारतीय खिलाड़ियों को बैडमिंटन में पदक जीतना है तो उन्हें हर हाल में चीन की दीवार को लांघना होगा. रियो में सायना नेहवाल,पीवी सिंधू,
किदाम्बी श्रीकांत, ज्वाला गुट्टा-अश्वनी पोनप्पा और मनु अत्री-बी और सुमित रेड्डी भारतीय दावेदारी का दावा ठोकेंगे.
बड़ा उलटफेर करने का मद्दा रखती हैं सिंधु
हैदराबाद में पुलेला गोपीचंद की अकादमी में भारत की टॉप महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक पीवी सिंधु का पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना पूरा होने वाला है. साल 2012 में चाइना मास्टर्स में ओलंपिक चैंपियन
ली झुइरुई को हराकर अचानक सुर्खियां में आईं सिंधू ने तेजी से इंटरनेश्नल स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. सिंधू ने राष्ट्रमंडल एशियाई चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं. इसके अलावा वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार दो बार कांस्य
जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं. उन्होंने 2016 और 2014 में उबेर कप विमेन टीम में कांस्य, 2016 सैफ गेम्स सिंगल्स मुकाबले में रजत और विमेन टीम में गोल्ड जीता, इसके अलावा 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स के सिंगल्स मुकाबले
में ब्रांज मेडल जीता. रियो ओलंपिक में सिंधु को 9वीं वरियता दी गई है, ऐसे में उनकी राह किसी भी लिहाज से आसान नहीं होगी. उन्हें पोडियम तक पहुंचने में अपने खेल के स्तर को उठाना होगा.
बड़े खिलाड़ियों के लिए बड़ा खतरा
23 साल के किदाम्बी श्रीकांत रियो ओलंपिक में मैन्स सिंगल्स मुकाबलों में अपनी दावेदारी पेश करेंगे. श्रीकांत फिलहाल WBFकी पुरूष रैंकिंग में टॉप भारतीय हैं, पिछले एक साल में श्रीकांत ने कोई ज्यादा खिताब तो नहीं जीता. लेकिन अपने छोटे से करियर में उन्होंने कई दिग्गजों को हराकर सनसनी जरूर मचाई है. श्रीकांत को बड़े खिलाड़ियों के लिए बड़ा खतरा माना जाता है. ऐसे में वो भारत के छुपे रूस्तम साबित हो सकते हैं. श्रीकांत ने 2016 एशिया चैंपियनशिप के टीम इवेंट में कांस्य जीता, 2016 सैफ गेम्स में सिंगल्स और मैन्स टीम में गोल्ड और 2015 में इंडियान ओपन और स्वीस ओपन में टूर्नामेंट में जीत हासिल की. रियो ओलंपिक में किदाम्बी को 9वीं वरीयता दी गई है.
बड़े टूर्नामेंट की बड़ी खिलाड़ी हैं गुट्टा और पोनप्पा
अपने दूसरे ओलंपिक में उतर रही ज्वाला और अश्विनी की जोड़ी के लिए राह आसान नहीं होगी. वर्ल्ड रैंकिंग में भी यह जोड़ी टॉप 20 से भी बाहर हो गई है, इसके अलावा इन्हें रियो में कोई वरीयता भी नहीं मिली है,
ऐसे में इस भारतीय जोड़ी को बेहद मुश्किल ड्रॉ का सामना करना होगा. 2012 लंदन ओलंपिक में दोनों ने ग्रुप स्टेज में दो मैच जीते, लेकिन नॉकआउट में नहीं पहुंच सके. हालांकि, इस जोड़ी ने अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़ी सफलता
हासिल की हैं. लंदन में इस भारतीय जोड़ी ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और इस भारतीय जोड़ी को भी बड़े उलटफेर करने के लिए जाना जाता है.