मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को मुंबई में अपने कॉन्क्लेव में इंडिया टुडे ग्रुप ने सलाम किया . उनके साथ मैदान औऱ मैदान के बाहर वक्त गुजार चुके कई दिग्गजों ने अपने अनुभव और यादें साझा कीं. इस बातचीत में कई ऐसे किस्से निकलकर आए जो हम सबके लिए नए हैं.
1. साल 2004 की बात है. भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई थे. पेशावर वनडे के बाद टीम एयरपोर्ट पहुंची. पाकिस्तान की टीम वहां पहले से खड़ी थी. बोर्डिंग की बार आई तो शाहिद अफरीदी सचिन से बोले, पाजी आप आगे आ जाओ. युवराज सिंह ने अफरीदी से मजाक में कहा. कभी मुझे भी बुला लिया कर ऐसे ही प्यार से आगे. आफरीदी ने जवाब दिया, तू पाजी का आधा भी खेल लेगा तो पूरा एयरपोर्ट खाली करवा दूंगा तेरे लिए.
2. पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तान इमरान खान सचिन को गिड्डू कहते थे. उनका अपने बॉलर्स को बस एक ही निर्देश होता था भारत के खिलाफ मैच से पहले, तुम लोग बस गिड्डू को जल्दी चक दो, बाकी मैं संभाल लूंगा. मगर ऐसा कभी कभार ही हो पाता था.शोएब अख्तर तो कई बार टीम मीटिंग में कह देते थे कि एक काम करो. उसका किट बैग ही चुरा लो. तभी शायद उसे बैटिंग से रोका जा सके. वो सचिन से कहते भी कि यार तू अपनी बारी मैदान के बाहर ले लिया कर. अंदर क्यों पदाता है इतना.
3. सचिन को अपने पहले कोच रमाकांत आचरेकर के यहां ट्रेनिंग के दौरान बस एक ही शिकायत रहती थी. उनके पास क्रिकेट की एक ही ड्रेस थी. सुबह खेलने जाते. बस पकड़कर वापस आते. कपड़े धोते. शाम तक सूख जाते, तो उन्हें पहन फिर ट्रेनिंग करने जाते. इन कुछ घंटों में ट्राउजर बाहर से तो सूख जाता. मगर उसकी जेब गीली रहतीं. सचिन कभी फील्डिंग के दौरान जेब में हाथ नहीं डाल पाते, सर्दियों में भी नहीं.
4. सचिन ने शारजाह में 1998 में लगातार दो शतक मारे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. तभी उनके परिवार को मिला सचिन की पारी का बेस्ट कमेंट.भाई अजित तेंदुलकर को उनके एक दोस्त ने फोन किया. बोले तुम लोगों ने तो हमेशा की तरह सचिन को खेलते देखा नहीं होगा. पर मैं बता रहा हूं. मेरी मां ने फाइनल देखा. सचिन की सेंचुरी देखी और वह फिर मारे खुशी के रोने लगीं. ये सुनकर सचिन के परिवार की भी आंखें नम हो गईं.
5. सहवाग एक बार लापरवाही भरा शॉट खेलकर आउट हो गए. कोच थे जॉन राइट. सहवाग ड्रेसिंग रूम में लौटे तो राइट ने उन्हें धकिया दिया. मैच के बाद पूरी टीम इकट्ठी हो गई. मैनेजर राजीव शुक्ला से कप्तान गांगुली बोले कि जॉन को ड्रेसिंग रूम में आकर माफी मांगनी होगी. राजीव ने जॉन से पूछा क्या हुआ. उन्होंने बताया मैंने गुरु की तरह निराश होने के बाद गुस्सा दिखाया. तब सचिन ने राजीव से कहा कि कोच किसी भी हालत में माफी मांगने न आए. वरना कुछ इज्जत नहीं रहेगी. राजीव और सचिन ने वीरू को समझाया और मामला बन गया.
6. सचिन नए प्लेयर्स का खास ख्याल रखते हैं. सुरेश रैना जब अपने पहले टेस्ट में बैटिंग करने उतरे, तो सचिन दूसरे छोर पर थे. उन्होंने मंतर दिया तो रैना ने सेंचुरी मारी. फिर अगले दिन सचिन उन्हें जापानी खाना खिलाने ले गए.खाने के बारे में ऐसे बात करते रहे, जैसे कोई शेफ सरीखा जानकार हो. फिर अगले दिन फोन कर रैना से पूछा, यार तेरा पेट तो खराब नहीं हुआ.
7. सचिन 10 साल के थे और गली में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे. उनका बडा़ भाई अजित तेंदुलकर क्रिकेट का छोटी उम्र से ही ज्यादा जानकार था. वो सचिन को लेकर शिवाजी पार्क गया. वहां रमाकांत आचरेकर क्रिकेट सिखाते थे.आचरेकर से अजित ने बात की. उन्होंने सचिन को देखा. वो हाफ पैंट और टीशर्ट में खड़ा था. आचरेकर बोले, यार इससे बोलो पाजामा पहनकर आया करे.निक्कर में क्रिकेट नहीं होती.
8. आचरेकर ने तेंदुलकर को अपने यहां कोचिंग के लिए ले तो लिया. मगर फिर यह लड़का उन्हें जमा नहीं. आचरेकर तेंदुलकर को कुछ ही दिनों की प्रैक्टिस के बाद मना करने वाले थे. उन्होंने अजित को बोल दिया. अजित ने कहा, सर वो आपके सामने परफॉर्म करने के प्रेशर में रहता है. आप कुछ दूर से बिना बताए उसका खेल देखें तो शायद बात बन जाए. ऐसा ही हुआ.
9. लखनऊ में एक पार्टी थी. सहारा की तरफ से. हिंदुस्तान और पाकिस्तान के प्लेयर आए थे उसमें. डिनर के बाद अख्तर, सहवाग, युवराज और सचिन वॉक करने लगे. अख्तर ने मजाक में कहा, पाजी मैं आपको उठा लूं. सचिन बोले, ओ नहीं यार, रहन दे. अख्तर ने फिर भी उठा लिया. पकड़ ढीली थी और सचिन गिर गए. अख्तर को चुप्पा लग गया. फिर उन्होंने सचिन को गले से लगा लिया और बोले- 'अगर इंडिया को पता चल गया कि मैंने आपको गिरा दिया तो मुझे जिंदा जला दिया जाएगा.'
10. सचिन के पिता को पहला हार्ट अटैक हुआ. वह अस्पताल में थे. साथ में उनका बड़ा बेटा अजित. उन्होंने सचिन को बताने से मना कर दिया. उसे अगले दिन श्रीलंका के दौरे पर जाना था.पिता ने इशारों में अजित से कहा. सचिन को मत बताना. फिर वह अस्पताल से ही उसकी इनिंग देख खुश होते रहे.