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होल्कर में सौ फीसदी है जीत का रिकॉर्ड, वीरू-युवी-श्रीसंत यहां के सिकंदर

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में सीरीज का दूसरा वनडे खेला जा रहा है. यह इस मैदान पर खेला जाने वाला चौथा अंतरराष्ट्रीय वनडे है. इससे पहले खेले गए तीनों वनडे में जीत टीम इंडिया के हिस्से में आई. यानी इस मैदान पर सौ फीसदी जीत का रिकॉर्ड है और इन तीन मौकों पर जीत के हीरो श्रीसंत, युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग रहे.

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युवराज सिंह, श्रीसंत और वीरेंद्र सहवाग
युवराज सिंह, श्रीसंत और वीरेंद्र सहवाग

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में सीरीज का दूसरा वनडे खेला जा रहा है. यह इस मैदान पर खेला जाने वाला चौथा अंतरराष्ट्रीय वनडे है. इससे पहले खेले गए तीनों वनडे में जीत टीम इंडिया के हिस्से में आई. यानी इस मैदान पर सौ फीसदी जीत का रिकॉर्ड है और इन तीन मौकों पर जीत के हीरो श्रीसंत, युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग रहे. चलिए एक नजर डालते हैं इस मैदान पर मिली सभी तीन जीत पर.

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होल्कर स्टेडियम में पहली जीत
2005-06 में भारत दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम यहां इस सीरीज का सातवां और आखिरी मैच खेल रही थी. टीम इंडिया के कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर सीरीज में 1-4 से पिछड़ चुकी इंग्लैंड की टीम को पहले बल्लेबाजी करने के लिए बुलाया. कुछ ही देर में उनका यह निर्णय सही दिखने लगा क्योंकि इस दिन श्रीसंत अपने जबरदस्त फॉर्म में थे. उन्होंने शानदार गेंदबाजी की और 6 इंग्लिश बल्लेबाजों को चलता किया. इंग्लैंड 288 रन ही बना सका.

289 रनों की लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने उथप्पा के 86 रन, कप्तान द्रविड़ के 69 रन, सुरेश रैना के 53 रन और युवराज सिंह के नाबाद 63 रनों की बदौलत आसानी से यह मुकाम हासिल कर लिया. श्रीसंत को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया.

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दूसरी जीत भी इंग्लैंड पर मिली
होल्कर स्टेडियम में लगभग ढाई साल बाद दूसरा अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेला गया. एक बार फिर टीम इंडिया के सामने इंग्लैंड की टीम थी. 2008-09 के इस वनडे सीरीज का यह दूसरा मैच था. पहला मैच राजकोट में जीतने के बाद यहां भारत महत्वपूर्ण बढ़त बनाना चाहता था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. लेकिन वीरेंद्र सहवाग, रोहित शर्मा और सुरेश रैना जल्दी जल्दी आउट हो गए तो एक वक्त यह फैसला गलत लगने लगा. तब एक छोर से गौतम गंभीर तो दूसरे से युवराज सिंह ने भारतीय पारी को संभाला. युवराज सिंह ने अपने करियर का शानदार 10वां शतक लगाया और गौतम गंभीर के साथ 134 रनों की साझेदारी की.

भारतीय पारी के अंत में यूसुफ पठान ने आतिशी बल्लेबाजी की और टीम का टोटल 292 पर पहुंचाया. पठान ने केवल 29 गेंदों पर पचास रन बनाए. ‘मैन ऑफ द मैच’ युवराज सिंह ने इस मैच में बल्ले के बाद गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने चार विकेट चटकाए और इंग्लैंड की टीम को 238 रनों पर पवेलियन लौटाने में अहम भूमिका निभाई. भारत ने एक बार फिर इस मैदान पर इंग्लैंड को हराने में कामयाब रहा. बाद में धोनी की कप्तानी में खेली गई इस सीरीज को टीम इंडिया ने 5-0 से क्लीन स्वीप किया.

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सहवाग के तूफान में बह गई कैरेबियन टीम
होल्कर स्टेडियम में खेले गए पिछले वनडे में वीरेंद्र सहवाग ने 219 रन बनाए थे. यह 15वां और आखिरी शतक होने के साथ ही उनके वनडे करियर का पहला दोहरा शतक भी था. उन्होंने अपनी 149 गेंदों की इस पारी के दौरान 25 चौके और 7 छक्के जड़े. 8 दिसंबर 2011 को खेले गए उस वनडे में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 418 रनों का विशाल पहाड़ खड़ा किया. टीम इंडिया के इस टोटल में सहवाग के अलावा गौतम गंभीर (67) और सुरेश रैना (55) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.

जब वेस्टइंडीज की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो भारतीय गेंदबाज रविंद्र जडेजा (10 ओवर्स में 34 रन देकर तीन विकेट) और रोहित शर्मा (10 ओवर्स में 43 रन पर तीन विकेट) ने अपनी कसी हुई गेंदबाजी से वेस्टइंडीज की आधी से अधिक टीम को जमने नहीं दिया. बाकी कसर सुरेश रैना ने पूरी कर दी. उन्होंने सबसे अधिक रन बनाने वाले रामदीन (96) समेत दो बल्लेबाजों के विकेट लिए.

419 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम 265 रन ही बना सकी और टीम इंडिया 153 रनों के बड़े अंतर से यह मुकाबला जीत गई. वीरेंद्र सहवाग को उनकी तूफानी पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया.

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