भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि बांग्लादेश के हाथों चार साल पहले मिली हार का शनिवार को इन दोनों टीमों के बीच दसवें विश्वकप के पहले मैच पर किसी तरह का असर देखने को नहीं मिलेगा.
धोनी ने मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ‘साफ बात यह है कि मैंने इस बारे में कभी नहीं सोचा लेकिन निश्चित तौर पर हम इसे नहीं दोहराना चाहते.’ धोनी उस टीम कहा हिस्सा थे जिसे वेस्टइंडीज में खेले गये विश्वकप में अपने शुरुआती मैच में ही बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा था.
भारतीय कप्तान ने कहा कि इस बार टीम सकारात्मक मानसिकता के साथ टूर्नामेंट में उतर रही है और उस पर उपमहाद्वीप में खेलने का कोई अतिरिक्त दबाव नहीं होगा. इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘सह मेजबान होने के कारण आपसे काफी अपेक्षाएं की जाती हैं लेकिन हमें इनके दबाव में नहीं आएंगे.’
उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण अपनी प्रक्रिया को सही तरह से आगे बढ़ाना होता है. हम हमेशा जीत से अधिक प्रक्रिया पर जोर देते हैं और इसी ने हमें सफल टीम बनाया.’ भारत निश्चित तौर पर जीत का प्रबल दावेदार है क्योंकि उसने बांग्लादेश के खिलाफ पिछले 22 में से 20 मैच में जीत दर्ज की है लेकिन धोनी अपने प्रतिद्वंद्वी को कम करके नहीं आंकना चाहते. {mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश की टीम अच्छी है जिसके पास बायें हाथ के तीन अच्छे स्पिनर हैं. वे स्पिनरों पर काफी निर्भर हैं विशेषकर उपमहाद्वीप में जहां धीमी गति के गेंदबाजों को काफी मदद मिलती है.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी अन्य टीम की तरह ही हम भी जीत के साथ शुरुआत करना चाहते है.’
धोनी ने भविष्यवाणी की कि यह अब तक का सबसे सफल विश्वकप होगा. उन्होंने कहा, ‘यदि यह उपमहाद्वीप में सफल नहीं रहता है तो फिर कहीं भी सफल नहीं हो पाएगा. एकदिवसीय क्रिकेट टेस्ट और ट्वेंटी-20 का बेमिसाल मिश्रण है. आजकल 300 रन का योग भी सुरक्षित नहीं है.’