सिक्सर किंग युवराज सिंह के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी और अशोक डिंडा के महत्वपूर्ण मोड़ पर लिये गये तीन विकेटों से भारत ने उतार-चढ़ाव भरे दूसरे टी-20 मैच में पाकिस्तान को 11 रन से हराकर दो मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कराई.
युवराज ने 36 गेंद पर चार चौकों और सात छक्कों की मदद से 72 रन बनाये. उन्होंने इस बीच कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (23 गेंद पर 33 रन) के साथ चौथे विकेट के लिये रिकॉर्ड 97 रन की साझेदारी की जिससे भारत आखिरी पांच ओवर में 74 रन बटोरकर कुल पांच विकेट पर 192 रन का मजबूत स्कोर खड़ा करने में सफल रहा.
पाकिस्तान के लिये उमर गुल ने 37 रन देकर चार विकेट लिये. पाकिस्तानी कप्तान मोहम्मद हफीज ने 26 गेंद पर छह चौकों और तीन छक्कों की मदद से 55 रन बनाकर मैच को रोमांचक बनाते हुए भारतीयों की धड़कन बढ़ा दी थी.
सलामी बल्लेबाज नासिर जमशेद ने 32 गेंद पर 41 रन बनाये लेकिन पाकिस्तान आखिर में सात विकेट पर 181 रन तक ही पहुंच पाया. डिंडा ने 36 रन देकर तीन विकेट हासिल किये.
युवराज का इससे पहले उच्चतम स्कोर 70 रन था जो उन्होंने 2007 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डरबन में बनाया था. अपनी पारी के दौरान तीसरा छक्का जड़ने के साथ ही उन्होंने टी-20 में छक्कों का अर्धशतक भी पूरा किया.
युवराज ने पाकिस्तान के तुरूप के इक्के सईद अजमल को विशेष रूप निशाने पर रखकर उन पर चार छक्के लगाये. युवराज ने तनवीर पर लगातार दो छक्के लगाकर अपना छठा अर्धशतक पूरा किया.
इसके बाद उन्होंने अजमल पर बैकवर्ड स्क्वायर लेग, मिडविकेट और लांग ऑन पर लगातार तीन छक्के जड़कर पाकिस्तानी खेमे में खलबली मचा दी.
डिंडा ने इससे पहले उमर अकमल (17 गेंद पर 24 रन) को भी बोल्ड किया जिनके साथ हफीज ने तीसरे विकेट के लिये 62 रन की साझेदारी की थी. पाकिस्तान को आखिरी ओवर में 20 रन की दरकार थी लेकिन वह इशांत शर्मा के इस ओवर में आठ रन ही बना पाया.इस तरह से भारत सीरीज बराबर करने में सफल रहा. पाकिस्तान ने बेंगलोर में पहला मैच पांच विकेट से जीता था. अब दोनों देशों के बीच 30 दिसंबर से तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी.
पाकिस्तान ने फिर से अपनी युवा सलामी जोड़ी जमशेद और अहमद शहजाद (29 गेंद पर 31) पर भरोसा दिखाया. इन दोनों ने पहले विकेट के लिये 74 रन की साझेदारी करके टीम को सकारात्मक शुरुआत दी.
इन दोनों के दस रन के अंदर आउट होने के बाद उमर अकमल और हफीज ने टीम पर दबाव नहीं बनने दिया. हफीज ने अश्विन पर लगातार दो छक्के, डिंडा पर दो चौके, इशांत पर छक्का और भुवनेश्वर पर दो चौके लगाकर भारतीय समीकरण बिगाड़ने की कोशिश की.
इस बीच उन्होंने अपना चौथा अर्धशतक पूरा किया तथा उमर अकमल (17 गेंद पर 24 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिये 62 रन की साझेदारी की जिन्हें डिंडा ने बोल्ड किया.
शाहिद अफरीदी (पांच गेंद पर 11 रन) ने भुवनेश्वर पर छक्का जमाया लेकिन अगली गेंद पर रोहित शर्मा ने लांग ऑफ पर उनका कैच लपक लिया. भुवनेश्वर ने इस मैच में 46 रन देकर एक विकेट लिया.
वहीं भारतीय पारी के दौरान गंभीर ने पांचवां ओवर करने के लिये आये गुल पर तीन चौके लगाये लेकिन इस तेज गेंदबाज ने चतुराई दिखायी और अगली गेंद धीमी की, गंभीर तेजी से बदलाव में गच्चा खाकर एलबीडब्ल्यू आउट हो गये.
गुल ने अगले ओवर में रहाणे को भी पवेलियन भेजा. रहाणे ने उनकी शॉर्ट पिच गेंद पुल करनी चाही लेकिन वह बल्ले का उपरी किनारा लेकर वापस गेंदबाज के पास चली गयी.
गंभीर और रहाणे दोनों ने चार-चार चौके लगाये. विराट कोहली (22 गेंद पर 27 रन) ने सकारात्मक शुरुआत की तथा एक दो रन के अलावा तीन चौके भी लगाये. जब लग रहा था कि वह अच्छी तरह से पांव जमा चुके हैं तब उन्होंने बेवजह रन लेने की कोशिश में अपना विकेट गंवाया.
कोहली यदि दो रन और बना लेते तो वह मार्टिन गुप्टिल (472 रन) को पीछे छोड़कर 2012 में टी-20 में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन जाते.
इसके बाद युवराज का जादू चला और धोनी ने उनका पूरा साथ दिया. युवराज ने पारी के आखिरी ओवर में गुल की गेंद भी छह रन के लिये भेजने की कोशिश की लेकिन सीमा रेखा पर शोएब मलिक ने उसे कैच में तब्दील कर दिया. गुल ने इसके बाद धोनी को भी बोल्ड किया जिन्होंने अपनी पारी में चार चौके लगाये.