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40 साल पहले आज ही ग्रैग चैपल ने डलवाई थी क्रिकेट इतिहास की सबसे 'बदनाम गेंद'

वनडे का फाइनल मुकाबला और आखिरी गेंद पर विरोधी टीम को मैच टाई करने के लिए छह रनों की जरूरत... और उस निर्णायक पल में गेंदबाजी करा रहा कप्तान डर जाता है. वह ऐसी बेईमानी पर उतर आता है, जिसे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा 'धोखा' कहा जाता है.

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 "Underarm" bowling incident by Trevor Chappell to Brian McKechnie during an ODI in Melbourne in 1981 (AP)
"Underarm" bowling incident by Trevor Chappell to Brian McKechnie during an ODI in Melbourne in 1981 (AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कप्तान ग्रेग चैपल का काला 'कारनामा'
  • भाई ट्रेवर से कराई सबसे बदनाम गेंद
  • आखिरकार ICC को बदलना पड़ा रूल

वनडे का फाइनल मुकाबला और आखिरी गेंद पर विरोधी टीम को मैच टाई करने के लिए छह रनों की जरूरत... और उस निर्णायक पल में गेंदबाजी करा रहा कप्तान डर जाता है. वह ऐसी बेईमानी पर उतर आता है, जिसे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा 'धोखा' कहा जाता है. जी हां! बात हो रही है ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान ग्रेग चैपल की. 40 साल पहले आज ही क्रिकेट इतिहास में 'खेल भावना की हत्या' का सबसे बड़ा कलंक उनपर लगा था.

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अंडरआर्म गेंदबाजी... शर्मनाक हरकत

यह घटना 1 फरवरी 1981 की है. इसी दिन क्रिकेट के इतिहास की सबसे 'बदनाम' गेंद फेंकी गई थी. दरअसल वह 'अंडरआर्म' गेंद थी. तब गेंदबाज ने बल्लेबाज की दिशा में गेंद लुढ़काभर दी थी. दो भाइयों (ग्रेग और ट्रेवर चैपल) ने मैदान पर ऐसी चाल चली कि क्रिकेट शर्मसार हुआ. मजे की बात है कि उस मैच की कमेंट्री कर रहे दोनों के बड़े भाई इयान चैपल उनकी हरकत देख चिल्ला उठे थे- 'नहीं ग्रेग, तुम ऐसा नहीं कर सकते..' 

AUS Vs NZ- मेलबर्न की है घटना 

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड सीरीज कप के पांच फाइनल मैचों में से ज्यादा जीतने वाली टीम ट्रॉफी पर कब्जा जमाती. पहले दो मैचों में एक-एक जीत के साथ न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमें बराबरी पर थीं. चैम्पियन बनने की राह आसान करने के लिए यह मैच जीतना दोनों टीमों के लिए अहम था. 

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मैच की आखिरी गेंद पर ये 'तरकीब' ?

उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 235/4 रन बनाए थे. कप्तान ग्रेग चैपल ने 90 रनों की पारी खेली थी. में उतरे कीवी ओपनर ब्रूस एडगर ने शतक (नाबाद 102) लगाया और अकेले दम पर टीम को जीत की दहलीज तक ले गए. आखिरी ओवर में न्यूजीलैंड को जीतने के लिए 15 रन चाहिए थे. कप्तान ग्रेग चैपल ने गेंद अपने भाई ट्रेवर को थमाई. ऑस्ट्रेलिया किसी भी सूरत में यह मैच हारना नहीं चाहता था.

... खेल भावना के खिलाफ हरकत

अंतिम गेंद पर न्यूजीलैंड को मैच टाई करने के लिए 6 रनों की जरूरत थी. ऑस्ट्रेलिया की जीत पक्की थी, इसके बावजूद ग्रेग चैपल स्ट्राइक पर मौजूद उस पुछल्ले से डर गए, जिसने 14 मैचों के वनडे करियर में सिर्फ 54 रन बनाए थे. ग्रेग ने ट्रेवर से कहा कि वो आखिरी बॉल को अंडरआर्म फेंके. दोनों अंपायरों को बता दिया गया कि अंतिम गेंद अंडरआर्म होगी. बड़े भाई की बात मानते हुए ट्रेवर ने ऐसा ही किया. ट्रेवर ने बॉल को पिच पर लुढ़काते हुए हुए बैट्समैन ब्रायन मेक्नी की तरफ फेंका. तब ऐसी गेंदबाजी क्रिकेट के नियमों के अनुसार गलत नहीं थी, लेकिन ये हरकत खेल भावना के खिलाफ थी.

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अवाक रह गया वह कीवी बल्लेबाज

ब्रायन मेक्नी अवाक रह गए. और गुस्से में बल्ले को जमीन पर फेंक दिया. मैक्नी के पास छक्का लगाकर मैच टाई करने का मौका था, लेकिन विवादास्पद अंडरआर्म बॉलिंग की वजह वह कोशिश नहीं कर पाए. आखिरकार इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 6 रनों से जीत लिया. दो दिन बाद ही चौथा फाइनल भी जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने इस सीरीज को 3-1 से अपने नाम कर लिया. 

Greg Chappell (Getty)

.... क्रिकेट की दुनिया में 'भूचाल'

इस घटना ने क्रिकेट की दुनिया में भूचाल ला दिया. दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को बयान जारी करना पड़ा. कीवी पीएम रॉबर्ट मल्डून ने इसे ‘कायराना हरकत’ करार दिया. उन्होंने कहा, मेरी याददाश्त में क्रिकेट के इतिहास की ये सबसे घिनौनी घटना है.' ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माल्कम फ्रेजर ने कहा, 'यह खेल की परंपराओं के विपरीत था.' 

अंडरआर्म बॉलिंग पर लगा बैन

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को क्रिकेट के नियमों में संशोधन करना पड़ा. इस घटना के बाद ही वनडे मैचों में अंडरआर्म गेंदबाजी को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया गया. आगे चलकर ग्रेग चैपल ने भी अपनी गलती मानी. ट्रेवर चैपल को हमेशा इस बात का मलाल रहा कि उन्होंने अपने भाई की बात मानकर अपना नाम हमेशा के लिए क्रिकेट के काले अध्याय से जोड़ लिया. 

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