उरुग्वे के स्ट्राइकर लुई सुआरेज ग्रुप के अंतिम मैच में इटली के जार्जियो चिलिनी को कथित रूप से दांत से काटने के बाद एक बार फिर गलत कारणों से सुखिर्यों में आ गए. इससे पहले विश्व कप की पांच बदनाम घटनाएं इस प्रकार हैं...
1. हंगरी और ब्राजील के बीच 1954 विश्व कप मैच (बैटल ऑफ बर्ने):
स्विट्जरलैंड में इन दोनों टीमों के बीच क्वार्टरफाइनल मैच में हंगरी ने 4-2 से जीत दर्ज की और यह विश्व कप के इतिहास में सबसे अभद्र मैचों में प्रबल दावेदार है. इस मैच में तीन खिलाड़ियों को लाल कार्ड दिखाया गया और लोगों ने कई बार मैच के दौरान हंगामा किया. इसमें ब्राजीली अधिकारियों और मीडिया ने भी कई मौकों पर मैच में बाधा पहुंचाई.
2. साल 1982 में शूमाकर का शर्मनाक कोहनी मारना:
जर्मनी के गोलकीपर हेराल्ड ‘टोनी’ शूमाकर ने 1982 टूर्नामेंट में बड़ी शर्मनाक छाप छोड़ी. फ्रांस के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में 58वें मिनट में यह घुंघराने बाल वाला गोलकीपर नफरत करने वाला खिलाड़ी बन गया. मैच 1-1 से बराबरी पर था, जब सब्सिटीच्यूट पैट्रिक बैटिस्टन ने गोल में शॉट लगाया और शूमाकर ने जानबूझकर उनके सिर पर कोहनी से प्रहार किया. बैटिस्टन मैदान पर अचेत हो गए और उनके इलाज में कुछ मिनट लगे. बैटिस्टन को फिर स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर लाया गया, उनके साथ उनके करीबी मित्र माइकल प्लातिनी भी मौजूद थे. उनके तीन दांत टूट गए थे और उनकी रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा था. मैच के बाद शूमाकर को कोई पछतावा नहीं हुआ, उन्होंने कहा, ‘उसे कहो कि मैं उसके दांतों के लिए पैसा दे दूंगा.’
3. वर्ष 1986 विश्व कप में ‘हैंड आफ गॉड’:
अर्जेंटीनी स्टार डिएगो माराडोना का ‘हैंड आफ गॉड’ किसे याद नहीं. इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल में उनके इस व्यक्तिगत गोल ने उन्हें 2-0 से आगे कर दिया, जिसे बाद में उन्होंने 2-1 से अपने नाम किया. लेकिन माराडोना का पहला गोल गलत कारणों से मशहूर हुआ. वह किसी तरह से इंग्लैंड के लंबे गोलकीपर पीटर शिल्टन को पछाड़ने में सफल रहे, लेकिन गेंद नेट में चली गई और गोल हो गया. लेकिन इस दौरान उनका हाथ गेंद से लगा था, जिसे उन्होंने ‘हैंड आफ गॉड’ कहा.
4. जिनेदिन जिदान का हेडबट:
फ्रांस में आदर्श माने जाने वाले जिनेदिन जिदान 2006 विश्व कप के फाइनल में गलत कारणों से सुखिर्यां बने. यह फ्रांस के सबसे महान खिलाड़ी का दूसरा विश्व कप था, इससे पहले वह उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 1998 में खिताब जीता था. जिदान ने गोल कर अच्छी शुरुआत की, लेकिन इटली के मार्को माटेराज्जी ने इस स्कोर को बराबर कर दिया, जिससे यह अतिरिक्त समय में चला गया. विपक्षी खिलाड़ियों भद्दी टिप्पणियों से उकसाने की प्रवृति वाले माटेराज्जी ने अपना दूसरा गोल दागा, जब जिदान अपनी बहन के प्रति की गई टिप्पणी को सहन नहीं कर सके, तो उन्होंने इस खिलाड़ी की छाती में अतिरिक्त समय से 10 मिनट पहले सिर से प्रहार किया.
5. जर्मनी और नीदरलैंड के बीच 1990 का फाइनल:
दोनों टीमों के बीच हमेशा कड़े मुकाबले होते हैं, 1990 फाइनल में अंतिम 16 राउंड का मैच भी कुछ ऐसा ही रहा. नीदरलैंड के डिफेंडर फ्रैंक रिजकार्ड और जर्मनी के स्ट्राइकर रूडी वोलेर के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि रिजकार्ड को वोलेर पर फाउल करने लाल कार्ड दिखाया गया. नीदरलैंड के इस खिलाड़ी ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जर्मनी के स्ट्राइकर के सिर के पिछले हिस्से पर थूक दिया.