वर्ल्ड कप में अब बहुत कम दिन बचे हैं. 15 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया वर्ल्ड कप में अपने सफर का आगाज करेगी. टीम इंडिया डिफेंडिंग चैंपियन है और इस बार खिताब बचाने की जिम्मेदारी उसके 'कमजोर' कंधों पर है. यहां कमजोर शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि टीम की मौजूदा हालत देखकर कहीं से नहीं लग रहा है कि हम वर्ल्ड कप खिताब की रक्षा कर पाएंगे. ये हैं ऐसी पांच बातें, जिसे देखकर लगता है कि टीम इंडिया नहीं बचा पाएगी वर्ल्ड कप खिताब. वर्ल्ड कप तो टीम इंडिया ही जीतेगी, ये रहीं 5 वजह
1. टीम में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं!
टीम इंडिया की सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि ड्रेसिंग रूम का माहौल गड़बड़ाया हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम की अशांति सबके सामने आई थी. ब्रिस्बेन टेस्ट में विराट कोहली और शिखर धवन दोनों के बीच बल्लेबाजी पॉजिशन को लेकर बहस हुई और इसका नुकसान टीम को मैच गंवाकर चुकाना पड़ा. मैच के बाद कैप्टन कूल धोनी ने भी कहा कि ड्रेसिंग रूम में माहौल कुछ बिगड़ा हुआ था. इसके बाद सीरीज के तीसरे टेस्ट के बाद एमएस धोनी ने अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. खबरें आई कि विराट कोहली और टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री के बीच बढ़ती नजदीकियों की वजह से धोनी ने संन्यास लिया. आखिरी टेस्ट मैच में विराट जैसे ही कप्तान बने प्लेइंग इलेवन से शिखर धवन को बाहर कर दिया गया. हालांकि धवन के बाहर करने के पीछे उनकी खराब फॉर्म भी एक वजह थी लेकिन खबरें आई कि दोनों खिलाड़ियों के बीच अभी भी सबकुछ ठीक नहीं हो पाया है. इसके बाद ट्राई सीरीज के दौरान विराट कोहली ने ट्विटर पर कुछ ऐसा कर डाला कि उनके और धोनी के बीच की दूरियां उजागर हो गईं. विराट ने एक ऐसी न्यूज रिपोर्ट को रिट्वीट किया जिसमें धोनी को स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त बताया गया. अब दो महीने के अंदर इतनी सारी खबरें अफवाह तो हो नहीं सकती हैं, लिहाजा यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है.
2. बल्लेबाजों का बुरा हाल...
टीम इंडिया की सबसे बड़ी ताकत ही इस समय आउट ऑफ फॉर्म है. टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज ऐसी फॉर्म में नहीं है जिससे तसल्ली हो सके कि भाई मैच निकलावा देगा ये तो. टेस्ट सीरीज में विराट कोहली का बल्ला आग की तरह रन उगल रहा था लेकिन मौजूदा वनडे ट्राई सीरीज में वो भी शांत हो गया है. रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, खुद कप्तान धोनी, विराट, शिखर धवन इन सबका हाल बुरा है. धवन की बात करें तो ऐसा लग रहा है कि अपनी ससुराल पहुंचकर वो रन बनाना ही भूल गए हैं. इन सभी बल्लेबाजों में कोई भी ऐसे नहीं खेल रहा है जिसपर आंख बंद करके भरोसा किया जा सके. इन सबके बीच सुरेश रैना भी फॉर्म से मीलों दूर हैं और रवींद्र जडेजा कंधे की इंजरी के बाद काफी लंबे समय तक टीम से बाहर रहने के बाद वापसी करेंगे.
3. गेंदबाजों से उठ चुका है भरोसा
गेंदबाजी कभी भी टीम इंडिया का मजबूत पक्ष नहीं रहा है, फिलहाल हालत और भी बुरी हो गई है. भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, आर अश्विन, उमेश यादव सबकी जिस तरह ट्राई सीरीज और टेस्ट सीरीज में धुनाई हुई है उससे कोई भी टोटल डिफेंड कर पाना नामुमकिन सा नजर आ रहा है. गेंदबाजी के मौजूदा हालात तो ऐसे हैं कि अगर टीम ने 400 रन भी बना लिए तो उसे डिफेंड कर पाना इनके बस में नहीं होगा. ईशांत शर्मा इंजरी से उबर चुके हैं लेकिन उनकी फॉर्म भी ऐसी नहीं है कि भरोसा किया जा सके. अक्षर पटेल ने प्रभावित जरूर किया है लेकिन वर्ल्ड कप में कितना कामयाब हो सकेंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
4. फुस्स है फील्डिंग भी
टीम में विराट कोहली, सुरेश रैना, रवींद्र जडेजा, अजिंक्य रहाणे जैसे चुस्त फील्डर मौजूद हैं लेकिन फिलहाल टीम की फील्डिंग भी फुस्स नजर आ रही है. ट्राई सीरीज में विराट ने बाउंड्री लाइन पर डाइव तो खूब मारीं लेकिन चौका बचाने में कई अहम मौकों पर फेल हो गए. शिखर धवन की बल्लेबाजी फॉर्म के साथ फील्डिंग भी काफी खराब हुई है. फील्ड पर रन बचाने और कैच लपकने के लिए टीम इंडिया के पास बहुत शानदार फील्डर नहीं हैं.
5. ढेर 'टीम इंडिया' और 'चौपट' राजा
2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में धोनी का छक्का, 2007 टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर सौंपने का साहसिक फैसला भूले नहीं भूलता है. याद करिए आपने आखिरी बार धोनी को किसी मैच में फिनिशर की भूमिका निभाते हुए कब देखा था? लंबे समय से धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट भी नहीं देखने को मिला है. टीम इंडिया एक ओर ढेर है और दूसरी ओर धोनी के फैसले भी चौपट साबित हो रहे हैं. धोनी का मिडास टच खत्म होता नजर आ रहा है.