पाकिस्तान में पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को वीजा घोटाले में कथित तौर पर संलिप्त होने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया. इस घोटाले के कारण देश की ओलंपिक टीम के साथ आतंकवादी भी ब्रिटेन जा सकते थे.
फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किये गए लोगों में लाहौर स्थित पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी और राष्ट्रीय डाटाबेस और रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण के अधिकारियों के अलावा एक निजी ट्रेवल एजेंसी के कर्मचारी शामिल हैं.
गिरफ्तार लोगों ने ब्रिटिश टेब्लाइड द सन के एक अंडरकवर रिपोर्टर को कथित रूप से कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र और पाकिस्तानी पासपोर्ट दिलाने में मदद की थी.
टेब्लाइड ने सोमवार को इस घोटाले का भंडाफोड़ किया जिसके बाद गृह मंत्रालय ने कार्रवाई की और पासपोर्ट कार्यालय के 12 अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
मंत्रालय ने एफआईए और एनएडीआरए अधिकारियों की एक विशेष टीम भी बनाई. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने पासपोर्ट कार्यालय और एनएडीआरए के कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने गलत नाम से पासपोर्ट जारी किया.’
टीम अपनी रिपोर्ट गृहमंत्री रहमान मलिक को गुरुवार को सौपेगी. इस मामले में कुल 18 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि पीएमएल एन कार्यकर्ता आबिद चौधरी ने द सन के रिपोर्टर को पासपोर्ट दिलाने में मदद की. वह ड्रीमलैंड ट्रेवल एजेंसी के लिये काम करता है. गिरफ्तारी से बचने के लिये वह फरार हो गया है.