भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों के बीच कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजकों को एक और बड़ा झटका लगा, जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने उसे 100 करोड़ की सहायता देने से मना कर दिया. बीसीसीआई ने कहा कि विवादों के बीच वह अपना पैसा नहीं लगाएगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की मुंबई में कार्यसमिति की बैठक चल रही है. इसमें तय किया गया कि तैयारियों में हो रही देरी और फिर भ्रष्टाचार के व्यापक आरोपों के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए वह अपनी वित्तीय सहायता नहीं देगा.
बीसीसीआई के सचिव एन श्रीनिवासन ने एक बयान जारी कर कहा, "समिति ने कहा है कि वह कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देकर प्रमुख भागीदार बनने में असमर्थ है." कॉमनवेल्थ गेम्स दिल्ली में तीन अक्तूबर से खेले जाएंगे. हाल ही में इसके आयोजन में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है.
बैठक में क्रिकेट मैचों के टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग अधिकार और दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा चल रही है. लेकिन बैठक का मुख्य एजेंडा कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजकों द्वारा मांगे गए 100 करोड़ रुपये की सहायता पर चर्चा करना ही था. भारतीय ओलंपिक संघ के मुखिया और कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाडी ने बीसीसीआई को पत्र लिख कर आर्थिक मदद की मांग की थी.
बीसीसीआई और भारतीय ओलंपिक संघ में अच्छा रिश्ता नहीं है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने एशियाई खेलों के लिए टीम नहीं भेजने का फैसला किया है. इसकी वजह से हाल ही में संघ ने बीसीसीआई की आलोचना की थी. एशियाई खेलों में पहली बार क्रिकेट को शामिल किया गया है और इस साल चीन में होने वाले खेल में ट्वेन्टी 20 क्रिकेट का मुकाबला भी होगा. लेकिन टीम न भेजने के फैसले के बाद सुरेश कलमाडी ने कहा था कि बोर्ड बहुत ज्यादा पेशेवर हो गया है और पैसे के पीछे भाग रहा है.