अपने करियर के अंतिम दौर में चल रहे 12 बार के ग्रैंडस्लैम चैम्पियन महेश भूपति ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने संभवत: देश की ओर से अपना ‘अंतिम’ टेनिस मैच खेल लिया है.
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के साथ पिछले कुछ समय से टकराव की स्थिति में चल रहे भूपति पर खेल की संचालन समिति ने पिछले हफ्ते दो साल का प्रतिबंध लगा दिया था.
भूपति ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘दुर्भाग्य से स्थिति का सच यही है. मैं भारत के लिए अपना अंतिम मैच खेल चुका हूं.’ देश के सर्वश्रेष्ठ युगल खिलाड़ियों में शामिल भूपति 38 बरस के हो चुके हैं और उनका मानना है कि दो साल के प्रतिबंध के बाद उनके लिए दोबारा भारत का प्रतिनिधित्व करना संभव नहीं होगा.
उन्होंने कहा, ‘मुझे हमेशा भारत की ओर से खेलने में गर्व होता था. टेनिस व्यक्तिगत खेल है और हमें बमुश्किल साल में एक या दो बार ही देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है.’ भूपति ने साथ ही स्पष्ट किया कि 2013 एटीपी टूर उनका अंतिम साल होगा. उन्होंने साथ ही कहा कि अभी यह सुनिश्चित नहीं है कि वह अगले साल पूरे टूर्नामेंटों में खेल पाएंगे या नहीं.
भूपति और उनके युगल जोड़ीदार रोहन बोपन्ना पर एआईटीए ने देश का प्रतिनिधित्व करने पर दो साल का प्रतिबंध लगाया है जो लंदन ओलंपिक खेलों से पहले हुए चयन विवाद का परिणाम है. मौजूदा विवाद में जिस तरह बोपन्ना फंसे उस पर निराशा जताते हुए भूपति ने कहा कि अपने जूनियर साथी से अलग होना और उसे भविष्य में उसकी तरह के किसी युवा के साथ खेलने देना सही फैसला होगा.
उन्होंने कहा, ‘यह समझदारी भरा फैसला है कि वह अगले चार या पांच साल अपने जैसे किसी युवा के साथ जोड़ी बनाए.’ भूपति अगले सत्र में सर्बिया के जन्में कनाडा के डेनियल नेस्टर के साथ जोड़ी बनाएंगे.