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मेरे उपर से बड़ा दबाव हट गया: साइना

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा कि लंदन खेलों के दौरान ओलंपिक पदक ने उनके उपर से दबाव हटा दिया है और इससे उन्हें भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.

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साइना नेहवाल
साइना नेहवाल

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ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा कि लंदन खेलों के दौरान ओलंपिक पदक ने उनके उपर से दबाव हटा दिया है और इससे उन्हें भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.

ओलंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहली और एकमात्र भारतीय खिलाड़ी साइना ने वेम्बले एरेना में महिला एकल के कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले में चीन की शिन वैंग के चोटिल होने के कारण हटने पर पदक जीता था.

दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी साइना ने अपनी जिंदगी में इस पदक की अहमियत पर कहा कि बचपन से ही मैंने ओलंपिक पदक जीतने का सपना देखा था और मेरा यह सपना अब साकार हो गया है. मैं काफी अच्छा महसूस कर रही हूं और यह पदक भविष्य में मुझे और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा. आगामी समय में मैं और अच्छे नतीजे देने की कोशिश करूंगी.

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इस दिग्गज खिलाड़ी ने हालांकि कहा कि मेरी नजरें ओलंपिक के दौरान स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी थी लेकिन मैं कांस्य पदक से भी संतुष्ट हूं. निश्चित तौर पर मैं रियो 2016 में अपने प्रदर्शन में सुधार करने की पूरी कोशिश करूंगी.

साइना मात्र 18 बरस की उम्र में बीजिंग में ओलंपिक पदार्पण के दौरान क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की मारिया क्रिस्टीन यूलियांटी के खिलाफ तीसरे और निर्णायक गेम में 11 -3 की बढ़त के बावजूद हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गई थी और इस भारतीय खिलाड़ी को अब भी इस शिकस्त का मलाल है.

साइना ने कहा कि हां, मैंने करीबी जीता हुआ मैच गंवा दिया था. उस समय मैं बच्ची थी. मुझे वह मैच जीतना चाहिए था लेकिन कोई बात नहीं, उस मैच ने मुझे नायक बनाया जिससे कि मैं अपने देश के लिए कुछ और बेहतर कर सकूं.

ओलंपिक पदक को अपने माता पिता और कोचों को समर्पित करने हुए साइना ने कहा कि मैं अपने इस पदक को अपने माता पिता, कोचों और देश को समर्पित करती हूं. मेरे माता पिता मुझे पदक के साथ देखकर काफी खुश थे. ये वे लोग हैं जिनके कारण मैं इस स्तर तक पहुंची हूं. इनके प्यार, सहयोग और भरोसे ने मुझे इस स्तर तक पहुंचाया है जहां मैं आज हूं.

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ओलंपिक के कड़े सफर के बाद दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी साइना ने आगामी प्रतियोगिता के लिए कोर्ट पर एक बार फिर कड़ी ट्रेनिंग शुरू कर दी है. साइना ने अपनी आगामी चुनौतियों के बारे में कहा कि मैं कोर्ट पर उतर चुकी हूं और मैंने ट्रेनिंग शुरू कर दी है. मुझे सबसे पहले जापान और चीन में टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना है. सितंबर के पहले हफ्ते में मैं चीन और जापान ओपन में खेलूंगी.

लंदन ओलंपिक में साइना का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा था और इस दौरान उन्हें सिर्फ सेमीफाइनल मुकाबले में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिहान वैंग के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा था. अपने कांस्य पदक के अभियान के दौरान इस भारतीय खिलाड़ी ने शिन वैंग के अलावा स्विट्जरलैंड की सब्रीना जैक्वेट, बेल्जियम की लियान टेन, हालैंड की जेई याओ और डेनमार्क की टाइन बाउन को हराया.

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