मानवाधिकारवादी अंतर्राष्ट्रीय संगठन ऐम्नेस्टी इंटरनैशनल ने कहा कि रासायन कंपनी डाओ केमिकल कंपनी को 2012 में होने वाले लंदन ओलंपिक के लिए अनुबंधित करना भारत में भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित उन लोगों का अपमान है जो पिछले 27 साल से न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
डाओ केमिकल कंपनी को लंदन ओलंपिक के दौरान स्टेडियम की घेराबंदी के लिए सजावटी कपड़ों के पर्दे मुहैया कराने के लिए अनुबंध दिया गया है.
डाओ के पास 2001 एक से यूनियन कार्बाईड कापरेरेशन का पूर्ण स्वामित्व है. उल्लेखनीय है कि यूनियन काबाईड की उस भारतीय सहयोगी कंपनी की बहुलांश हिस्सेदारी थी जो संयंत्र का परिचालन करती थी जो 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के लिए जिम्मेदार है.
ऐम्नेस्टी इंटरनैशनल के कारोबार एवं मानवाधिकार प्रमुख सीमा जोशी ने कहा, ‘बड़े अचरज की बात है कि ओलंपिक समिति ने इतना बड़ा अनुबंध उस कंपनी को दिया है जो 20वीं सदी के कापरेरेट लापरवाही से जुड़ी सबसे बड़ी मानवाधिकार आपदा से निपटने में नाकाम रही है.’
उन्होंने कहा, ‘इससे भोपाल कांड में बचे लोगों और उनकी न्याय की लंबी लड़ाई का अपमान है.’
एक खुले पत्र में ऐम्नेस्टी इंटरनैशनल ने ओलंपिक खेल की लंदन आयोजन समिति से इसका ब्यौरा देने के लिए कहा कि यह अनुबंध समिति की सस्टेनेबल सोर्सिंग कोड की सतत सामाजिक और नैतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप है.