शनिवार को जब युवराज सिंह टीम इंडिया की जर्सी में विशाखापट्टनम के मैदान पर उतरेंगे, यकीन मानिये 120 करोड़ भारतीयों का 240 करोड़ हाथ उनकी जयजयकार में उठेगा.
क्रिकेट की दुनिया तो पहले से ही युवराज के सजदे में झुकी हुई है. क्रिकेट के दिग्गजों का मानना है कि युवराज एक बार फिर आपको वो सबकुछ कर दिखाएंगे जो सालों साल देश के लिए करते रहे हैं.
क्रिकेट में वापसी के घंटे गिन रहे हैं युवी
टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी तो उसी दिन खुशी से उछल पड़े थे जब उन्हें पता चला कि युवराज टीम में आ गये हैं. उनकी आवाज, उनकी आंखें और उसका अंदाज़ ये बयां कर रहा था कि ये खबर उनके लिए कितनी अहम है.
T-20 वर्ल्डकप: टीम में युवराज सिंह की वापसी
धोनी की खुशी इसलिए कई गुना बढ़ गई क्योंकि किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि कैंसर को हराकर युवराज इतनी जल्दी मैदान पर विरोधियों को हराने के लिए तैयार हो जाएंगे. जो जज्बा उन्होंने दिखाया उसे सलाम किये बगैर हिंदुस्तान रह नहीं सकता. कहने को क्रिकेट गेंद और बल्ले का आसान सा दिखने वाला खेल है लेकिन क्रिकेट से जुड़े लोग जानते हैं इतने कम समय में वापसी के लिए युवराज ने कितना जोर लगाया होगा.
क्रिकेट की दुनिया को फख्र है कि उसका ये जांबाज जिंदंगी की सबसे बड़ी जंग जीतकर उसमें नया अध्याय जोड़ने आया है.
युवराज को है सौगातें देन की उनकी आदत
युवराज को देश को सौगातें देन की उनकी आदत है. या यूं कहें इस काम में उन्हें महारत है. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने जिंदगी के सबसे पहले वर्ल्ड कप से कर दिया था. जनवरी 2001 में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में देश को चैंपियन बनाया. उस टूर्नामेंट में युवराज थे मैन ऑफ द टूर्नामेंट.
युवराज की अदा और बोल, देखिए तस्वीरों में...
इसके बाद इंतजार थोड़ा लंबा हुआ. लेकिन पहले ही वर्ल्ड टी-20 में उन्होंने जो धमाल किया वो अफसाना ही बन गया. इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंद में 6 छक्के और सेमीफाइनल कंगारू गेंदबाजों की क्लास.
और फिर जब भारत में एकदिवसीय वर्ल्ड कप हुआ तो हिंदुस्तान ने एकबार युवराज का वही अवतार देखा. हालांकि कि यही दौर था जब उन्हें कैंसर ने जकड़ दिया था. लेकिन युवराज ने अपनी जान तक की परवाह नहीं की. और देश को बनाया विश्व चैंपियन. अब युवराज को खिताबी जीत का चौका लगाना है. इसी तैयारी में वो जी-जान जुटे हैं.
वापसी पर सबसे ज्यादा खुश है मां
क्रिकेट बिरादरी जब इतनी खुश है तो सोचिये जरा इस जांबाज की मां कितनी खुश होंगी. कैंसर से लड़े युवराज लेकिन अपने लड़के को सबसे बड़ा लड़ाका उनकी मां ने ही तो बनाया.
इलाज के बाद युवराज ने कहा था मैं रोता था लेकिन मां नहीं रोती थी. ऐसा नहीं कि वो पत्थर दिल हैं, दरअसल उन्हें एहसास था अगर वो टूटीं तो उनका बेटा भारी मुसीबत में फंस जायेगा. वो आज अपने बेटे को वापसी के मुकाम तक लायीं हैं इस विश्वास के साथ की युवराज एक बार फिर विजेता ही साबित होंगे.
बॉलीवुड भी बोला, वेलकम युवराज...
बॉलीवुड तो इतना खुश है मानों उसकी तमाम मुरादें एक साथ पूरी हो गईं हों. बॉलीवुड के तमाम सितारों से क्रिकेट के इस सितारे की दोस्ती थी. वो सभी आज अपने दोस्त से कह रहे हैं लड़ो जीत तुम्हारी ही होगी.
बॉलीवुड का युवराज से तकरीबन उतना ही गहरा और पुराना रिश्ता है जितना युवराज का क्रिकेट से. युवराज के स्टाइल और स्टेटमेंट से कई सितारों तक को रश्क रहा है और अब जब युवराज मैदान पर उतर रहे हैं तो हर किसी को हिम्मत दिखाने और कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिल रही है. सितारें चाहते हैं कि ये सितारा एक बार फिर चमके और अबकी जब चमके तो चमकता ही रहे. युवराज की वापसी ने सरहदों की सारे हदें तोड़ दी है. पाकिस्तानी कलाकार भी चाहते हैं कि युवराज दिलों जान से खेलें और ऊपर वाला ऐसा करने में उनकी मदद करे.
हर खिलाड़ी चाहता है हमेशा चमकता रहे युवराज
दूसरे खेलों के खिलाड़ियों को अकसर क्रिकेट से शिकायत होती है. लेकिन अब जबकि युवराज एक्शन में आने वाले हैं तो सबकी चाहत है कि देश का नाम रौशन करें और अपनी जिंदगी भी. चंद दिनों पहले युवराज राष्ट्रपति भवन में थे. अर्जुन पुरस्कार लेने. उस शाम सबसे ज्यादा तालियां तब बज़ीं जब युवराज का नाम पुकारा गया. इसलिए नहीं कि युवराज क्रिकेटर हैं. बल्कि इसलिए कि वो खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल हैं.
चाहे वो खिलाड़ी किसी भी खेल से जुड़ा क्यों ना हो और अब जब युवराज कैंसर को हराकर क्रीज़ पर उतरने जा रहे हैं तो सबने उन्हें शुभकामनाएं भेंजी हैं.
एक खिलाड़ी के खुशी और ग़म को एक खिलाड़ी ही सबसे करीब से जानता है. ये खिलाड़ी जानते हैं कि युवराज के लिए वापसी की चुनौती कितनी बड़ी थी. सबको एहसास रहा है कि युवराज का दांव अगर उल्टा पड़ा तो बड़ी परेशानी हो सकती थी. लेकिन परेशानियों को पीटते हुए युवराज जब यहां तक पहुंच आये तो सब चाहते हैं कि वो और कई नई मिसालें कायम करें.
सही भी है हिंदुस्तान युवराज की वापसी का जश्न मना रहा है. कल वो और शिद्दत से उन्हें सलाम ठोंकेगा. क्योंकि युवराज जिस राह पर निकल पड़े हैं वो राह उन्हें इतिहास में वो मुकाम दिला सकती है जो जिसे पीढियां सराहती ही रहें.