भारत के लिये ईडन गार्डंस उतना ही महत्व रखता है जितना लार्ड्स का मैदान इंग्लैंड के लिये इसलिये खेल जगत देश के इस ‘क्रिकेट का मक्का’ स्थल से मेजबान टीम का विश्व कप मैच छीने जाने से हैरान और निराश हैं.
ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय क्रिकेट टीम इस स्टेडियम पर मैच नहीं खेलेगी जिसने 1987 विश्व कप फाइनल और 1996 विश्व कप सेमीफाइनल की मेजबानी की थी. आईसीसी जांच दल ने हाल ही में इस स्टेडियम का दौरा करके पाया था कि ईडन गार्डंस 27 फरवरी को भारत और इंग्लैंड के बीच आयोजित कराने के लिये तैयार नहीं है.
बंगाल के पूर्व कप्तान दीप दासगुप्ता ने कहा कि इस मुद्दे का निपटारा अच्छी तरह किया जा सकता था. नई आईपीएल फ्रेंचाइजी सहारा पुणे वारियर्स का क्रिकेट संचालन संभालने वाले दासगुप्ता ने कहा, ‘विश्व क्रिकेट में ईडन गार्डन्स का एक खास और पवित्र दर्जा है. दुनिया में हर क्रिकेटर ईडन गार्डंस में खेलना चाहता है. यह सिडनी या लार्डस के मैदान की तरह है.’{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘हम सब भारत और इंग्लैंड को ईडन गार्डंस में खेलते हुए देखने का इंतजार कर रहे थे. यह काफी निराशाजनक और दुखद है.’ वहीं भारतीय बल्लेबाज रोबिन उथप्पा ने कहा, ‘यह देश के सबसे बढ़िया स्टेडियम में से एक है . हर कोई निराश है लेकिन हमें आगे बढ़ने की जरूरत है.’ क्रिकेट जगत ही नहीं बल्कि पूर्व ओलंपियन भी ईडन गार्डन्स से मैच छीने जाने से निराश हैं.
पूर्व भारतीय फुटबालर पीके बनर्जी ने कहा, ‘हजारों दर्शक निराश हैं और यह उनकी गलती नहीं है. यह दुखद है. मैं पिछले कुछ वषरें से ईडन नहीं गया था और यह विश्व कप मैच देखना चाहता था. लेकिन अब यह संभव नहीं होगा.’
पूर्व भारतीय फुटबाल कप्तान चुन्नी गोस्वामी ने कहा, ‘हमें इसके पुनर्निमाण कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए थी. मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी इसलिये मैं निराश हूं.’