भारतीय क्रिकेट टीम के अहम बल्लेबाज विराट कोहली ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों के विश्व रिकार्ड की बराबरी करना उनके लिए बिलकुल असंभव बात (मिशन इम्पॉसिबल) है.
कोहली ने कहा, ‘मैं सचिन की पूजा करता हूं, क्योंकि मैने आठ साल की उम्र से उन्हें टीवी पर खेलते हुए देखा है. लोग जब सचिन की तुलना मुझसे करते हैं तो मुझे गर्व तो महसूस होता है, लेकिन मेरा सारा ध्यान अपने खेल पर है, न कि ऐसी तुलनाओं पर. मैं तो सचिन की पूजा करता हूं.’
एक टीवी कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए कोहली ने कहा, 'आज तक सचिन को छोड़कर किसी भी क्रिकेटर ने सौ शतक बनाने का रिकार्ड नहीं बनया. यह एक बड़ी उपलब्धि है. मै इस बारे में सोचता तक नहीं क्योंकि इससे मेरे खेल पर दबाव बढ़ जाता है. कोहली पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली की इस टिप्पणी से असहमत थे कि युवराज सिंह को समय से पहले टीम में वापस बुला लिया गया.
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं समझता यह एक भावनात्मक फैसला था. अगर युवराज फिट हैं, तो उन्हें जरूर मौका दिया जाना चाहिए. यह उनके लिए एक अच्छी वापसी होगी. वापसी के बाद पहले मैच में खिलाड़ी जरूर कुछ परेशान रहता है, लेकिन अगर युवराज विश्व कप के मैचों में अच्छा कर पाए, तो यह टीम इंडिया के लिए काफी अच्छा रहेगा. विश्व कप हमारे लिये वैसे भी काफी महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है.’ कोहली ने खुद को उपकप्तान बनाये जाने को एक सुखद फैसला बताया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वो कभी कप्तान के रूप में धोनी का स्थान लेंगे, कोहली ने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता. कप्तान के तौर पर धोनी ने टीम इंडिया के लिए काफी कुछ किया है.’ अगले विश्व कप के बारे में कोहली ने कहा, ‘मैं वादा तो नहीं कर सकता, पर इतना जरूर कह सकता हूं कि मैं अपने देश के लिए पूरी कोशिश करूंगा.’ टोने टोटकों के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कोहली ने बताया कि इंग्लैंड के दौरे के समय जब वह लगातार तीन मैचों में अच्छा नहीं खेल पाये तो कारडिफ में हुए आखिरी एकदिवसीय मैच से पहले धोनी ने उनसे कहा कि वो सारी चीजें भूल जाए और मैदान में जाकर सिर्फ खेले.
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और सराह जेन के साथ संबंधों के बारे में कोहली ने कहा कि सराह जेन को उसने आज तक देखा तक नहीं है. कोहली ने कहा कि दीपिका से उनकी मुलाकात आईपीएल के दौरान इसलिए हुई क्योंकि वह ब्रांड एम्बेसडर थी. मैदान पर अपने गुस्से के बारे में कोहली ने कहा कि यह मेरी बचपन से आदत है. चाहे मैं सौ रन बनाउं या शून्य, आउट होने पर मुझे बहुत गुस्सा आता है. अभी मैं अपने गुस्से को काबू में रखने की कोशिश कर रहा हूं. बचपन में मैने गुस्से में बहुत से बैट तोड़े.
कोहली ने बताया कि कैसे 17 साल की उम्र में उनके पिता का अचानक देहांत हो गया और उन्हें अगले दिन रणजी मैच में अपनी पारी पूरी करनी थी, कोहली ने कहा, ‘मैं चुपचाप मैदान पर गया, उस दिन मैने नब्बे रन बनाए और फिर घर लौट कर पिताजी की अन्त्येष्टि में शामिल हुआ. उस दिन मैने जिन्दगी के बारे में बहुत कुछ सीखा.’