लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर दत्त के कोच यशवीर सिंह सहित छह कोच के नाम की सिफारिश प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये की गयी है.
यशवीर के अलावा पंद्रह सदस्यीय समिति ने जिन अन्य पांच कोच का नाम द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये भेजा है उनमें क्यूबा के मुक्केबाजी कोच बी आई फर्नांडिस, एथलेटिक्स कोच वीरेंदर पूनिया, सुनील डवास (कबड्डी), डा. सत्यपाल (पराएथलेटिक्स) और हरेंदर सिंह (हॉकी) शामिल हैं.
पिछले कुछ सालों से भारत को मुक्केबाजी में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले फर्नांडिस इस तरह से द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले पहले विदेशी कोच बन गये हैं.
उन्हें विशेष आधार पर पुरस्कार के लिये नामांकित किया गया है. फर्नांडिस के रहते हुए भारत ने ओलंपिक में दो पदक जीते हैं. वीरेंदर चक्का फेंक की एथलीट कृष्णा पूनिया के पति और कोच हैं. वह 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनी थी.
वह हाल में समाप्त हुए लंदन ओलंपिक में भी पूनिया के कोच थे जिसमें वह सातवें स्थान पर रही थीं. द्रोणाचार्य पुरस्कार समिति के अध्यक्ष पूर्व हाकी कप्तान असलम शेर खान थे.
समिति में राजकुमार सांगवान (मुक्केबाजी), धनराज पिल्लै (हाकी), शाहनी विल्सन (एथलेटिक्स), मुराद अली खान (निशानेबाजी), कर्णम मल्लेश्वरी (भारोत्तोलन), बहादुर सिंह (एथलेटिक्स), भूपेंदर धवन (पावरलिफ्टिंग), जी एस संधू (मुक्केबाजी), रामफल मान (कुश्ती) और प्रेम चंद डेगरा (बॉडी बिल्डिंग) शामिल थे.