श्रीलंकाई टीम आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में रविवार को जब वेस्टइंडीज के सामने होगी तो उसके लिए एकमात्र चुनौती ‘रन मशीन’ क्रिस गेल पर अंकुश लगाने की रहेगी. गेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी आक्रामक पारी से दिखा दिया है कि मेजबानों के लिए खिताब जीतना आसान नहीं होगा.
अब तक सिर्फ एक बार 1996 में 50 ओवरों का वर्ल्ड कप जीत चुकी श्रीलंकाई टीम की नजरें 16 बरस बाद दूसरे वर्ल्ड कप खिताब पर है. दूसरी ओर वेस्टइंडीज 30 साल बाद किसी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के फाइनल में खेल रहा है. इससे पहले 1983 वर्ल्ड कप फाइनल में उसे लार्ड्स पर भारत ने हराया था.
दोनों टीमों की बल्लेबाजी मजबूत
अपनी सरजमीं पर खेल रही श्रीलंका का पलड़ा भारी है क्योंकि महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा और तिसारा परेरा जैसे उसके खिलाड़ी फार्म में है. दूसरी ओर वेस्टइंडीज के पास कुछ बेहतरीन टी-20 क्रिकेटर हैं, जिनमें मलरेन सैमुअल्स, ड्वेन ब्रावो और कीरोन पोलार्ड शामिल हैं.
इसके बावजूद सभी की नजरें गेल पर होंगी जो जबर्दस्त फार्म में हैं. दोनों टीमों को बखूबी पता है कि गेल का फार्म मैच में निर्णायक साबित हो सकता है.
कैरेबियाई टीम की अग्नि-परीक्षा
वेस्टइंडीज के लिए इस मैच में बहुत कुछ दांव पर लगा है. ऐसा नहीं है कि जीतने पर कैरेबियाई क्रिकेट की सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी, लेकिन टूर्नामेंट जीतने से युवाओं की हौसलाअफजाई होगी.
इन दिनों वेस्टइंडीज में बास्केटबाल की लोकप्रियता क्रिकेट से अधिक है और युवाओं का रुझान एनबीए लीग की ओर ज्यादा है. इस जीत से सैमी को भी राहत की सांस लेने का मौका मिलेगा. पिछले साल भर से लगातार बहस हो रही है कि वह टीम की कप्तानी के लायक हैं या नहीं.
जयवर्धने और संगकारा के लिए यह चौथा फाइनल है जो 2007, 2009, 2011 टी-20 वर्ल्ड कप टीम में रह चुके हैं. वे अपने घरेलू दर्शकों के सामने खिताब जीतने को बेताब होंगे. पिछले कुछ साल में जयवर्धने ने दिखाया है कि गैर पारंपरिक शॉट खेले बिना भी कामयाब टी-20 क्रिकेटर बना जा सकता है.
देखना यह भी होगा कि महेला अपने हरफनमौलाओं एंजेलो मैथ्यूज और तिसारा परेरा का कैसे इस्तेमाल करते हैं. दूसरी ओर वेस्टइंडीज की कमजोर कड़ी उसकी गेंदबाजी है. लेग स्पिनर सैमुअल बद्री ने सेमीफाइनल में भले ही शेन वाटसन और डेविड वार्नर के विकेट लिए लेकिन उनके फाइनल में खेलने की गारंटी नहीं है.
टीमें:
वेस्टइंडीज- डेरेन सैमी, ड्वेन ब्रावो, सैमुअल बद्री, डेरेन ब्रावो, जॉनसन चार्ल्स, फिडेल एडवर्ड्स, क्रिस गेल, सुनील नरेन, कीरोन पोलार्ड, दिनेश रामदीन, रवि रामपाल, आंद्रे रसेल, मार्लोन सैमुअल्स, लैंडल सिमंस, ड्वेन स्मिथ.
श्रीलंका- महेला जयवर्धने, एंजेलो मैथ्यूज, दिनेश चांडीमल, अकिलो धनंजया, तिलकरत्ने दिलशान, शमिंडा ईरांगा, रंगाना हेराथ, नुवान कुलशेखरा, लसिथ मलिंगा, अजंता मेंडिस, जीवन मेंडिस, दिलशान मुनावीरा, तिसारा परेरा, कुमार संगकारा, लाहिरू तिरिमन्ने.