भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने आज समस्याओं में घिरी कोच्चि फ्रेंचाइजी को इंडियन प्रीमियर लीग के चौथे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी जिससे टीम के भविष्य को लेकर चल रहा संदेह खत्म होने के साथ ही यह सुनिश्चित हो गया कि अगले साल आईपीएल चार में कम से कम आठ टीमें भाग लेंगी.
पिछले सप्ताह टीम के लिए तीसरी बार समयसीमा बढ़ाने वाली आईपीएल संचालन परिषद ने आज फ्रेंचाइजी के स्वामित्व पैटर्न को स्वीकृति दे दी और टीम को अपने साथ जोड़ लिया.
बीसीसीआई सचिव और भावी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘आज की बैठक में आईपीएल संचालन परिषद ने पुष्टि की कि कोच्चि फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई के उनको जारी नोटिस का संतोषजनक जवाब दिया है और साथ ही फैसला किया कि फ्रेंचाइजी कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड वर्ष 2011 से आईपीएल में खेलेगी.’ बोर्ड उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि बोर्ड की कानूनी टीम कोच्चि फ्रेंचाइजी के स्वामित्व पैटर्न से संतुष्ट थी.
उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘संचालन परिषद ने आज कोच्चि को आईपीएल की आठवीं फ्रेंचाइजी के रूप में मंजूरी देने का फैसला किया और वह आईपीएल चार में खेलेगी. यह फैसला कोच्चि के स्वामित्व पैटर्न और उनको भेजे गये नोटिस के जवाब का आकलन करने के बाद किया गया और संचालन परिषद ने इसे सही पाया.’{mospagebreak}
संचालन परिषद का यह फैसला ऐसे समय में आया है जबकि बीसीसीआई तथा निष्कासित आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रायल्स के बीच कानूनी जंग चल रही है.
बीसीसीआई के फैसले से राहत महसूस कर रहे रोंदेवू स्पोर्ट्स वल्ड प्रा लि के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्यजीत गायकवाड़ ने कहा कि फ्रेंचाइजी अब ट्वेंटी20 टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम तैयार करने के काम पर जुटेगी.
गायकवाड़ ने कहा, ‘(फ्रेंचाइजी में) मतभेद अब अतीत की बात है. टीम बरकरार रहे इसके लिए हमने हर संभव प्रयास किया है. पहले हम समूह में साझेदार थे. अब तक आईपीएल कोच्चि प्राइवेट लिमिटेड में परिवार की तरह हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य की कार्रवाई और टीम के गठन के लिए जल्द से जल्द हमारे बोर्ड की बैठक होगी, संभवत: आज रात या कल. हमें पूरा भरोसा है कि हम केरल और भारत के क्रिकेट जगत की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.’
शेयरधारकों के बीच यह समझौता तब हुआ जब रोंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड से जुड़ा गायकवाड़ परिवार शुरूआत में इंकार करने के बाद अपने इक्विटी शेयर को मौजूदा 26 प्रतिशत से 10 प्रतिशत करने को राजी हो गया. गायकवाड़ ने स्पष्ट किया कि पूरी 10 प्रतिशत इक्विटी स्वेट है और इसके लिए उन्होंने भुगतान नहीं किया.
फ्रेंचाइजी के एक अन्य निवेशक पारिणी डेवलपर्स के मुकेश पटेल ने बीसीसीआई के फैसले पर खुशी जतायी और कहा कि अब फ्रेंचाइजी में किसी तरह की समस्या नहीं है.{mospagebreak}
पटेल ने कहा, ‘पहले कुछ अंदरूनी मसले थे. प्रत्येक कंपनी में विचारों में मतभेद होता है लेकिन इन्हें अब सुलझा लिया गया है . अब हम टीम की तरह काम करेंगे.’
इस समझौते से पहले फ्रेंचाइजी के निवेशकों ने बीसीसीआई को सूचना देते हुए उन्हें आईपीएल से हटने की अपनी इच्छा से अवगत कराया था. इस टीम को 1533.33 करोड़ रुपये में खरीदा गया था.
कथित तौर पर अनुबंध के नियमों का उल्लंघन करने पर दस अक्तूबर को किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रायल्स को टूर्नामेंट से बाहर करने के बाद बीसीसीआई ने कोच्चि फ्रेंचाइजी को 30 दिन का टर्मिनेशन नोटिस जारी करके अंशधारिता पैटर्न को लेकर आंतरिक विवाद सुलझाने को कहा था.
इस समूह में शामिल निवेशकों में एंकर अर्थ, पारिणी डेवलेपर्स, रोसी ब्ल्यू और फिल्व वेव की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
बाकी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी गायकवाड़ परिवार की थी जिसमें शैलेंद्र, उनके भाई रवि और उनके माता पिता शामिल हैं. ये रोंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड का हिस्सा हैं और इन्हें बोली के दौरान सेवा देने के लिए फ्री इक्विटी के तौर पर यह हिस्सा दिया गया है.
यही 26 प्रतिशत हिस्सेदारी विवाद की वजह थी क्योंकि निवेशक गायकवाड़ परिवार को फ्री इक्विटी देने के पक्ष में नहीं थे. गायकवाड़ परिवार ने पहले इक्विटी छोड़ने से इंकार कर दिया था लेकिन अब वह 10 प्रतिशत स्वेट इक्विटी लेने पर राजी हो गये हैं जिससे कि टीम के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को टाला जा सके.
बीसीसीआई ने पहले ही साफ कर दिया है विश्व कप समाप्त होने के छह दिन बाद आठ अप्रैल को शुरू हो रहे चौथे आईपीएल टूर्नामेंट में आठ टीमें हिस्सा लेंगी.