राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सतर्कता में आयी केंद्र सरकार ने वादा किया कि दोषी पाये गये लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस बीच अक्तूबर में होने वाले इन खेलों के एक अन्य स्टेडियम का उद्घाटन कर दिया गया हालांकि उसकी छत भी टपक रही थी.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग :सीवीसी: की रिपोर्ट पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया. सीवीसी ने राष्ट्रमंडल खेलों के स्टेडियमों के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दी थी.
रेड्डी ने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम परिसर के अंदर स्थित भारोत्तोलन आडिटोरियम के उद्घाटन के दौरान कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने शुरूआती रिपोर्ट में राष्ट्रमंडल खेलों के स्थलों के निर्माण में कथित रूप से अनियमितता पायी है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इससे संबंधित सभी दोषियों को सजा दी जायेगी और कोई भी बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं.
खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने शनिवार को वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का एक घंटे तक संवाददाता सम्मेलन में खंडन किया लेकिन उन्होंने भी रविवार को फिर से स्पष्टीकरण जारी किया. {mospagebreak}
कलमाड़ी ने फिर कहा कि भ्रष्टाचार विवाद के केंद्र में रही ब्रिटिश कंपनी के नाम की सिफारिश लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने की थी. भारतीय उच्चायोग ने हालांकि अल्पज्ञात ब्रिटिश कंपनी ए एम फिल्म्स की सिफारिश करने से इंकार किया है, जिस पर कथित रूप से लंदन में क्वींस बेटन रिले के दौरान अपनी सेवायें देने के लिये लाखों पाउंड लेने का आरोप है.
कलमाड़ी ने उच्चायोग के इंकार के दावे को खारिज करते हुए कहा कि सिफारिश भारतीय दूतावास के शिष्टाचार अधिकारी राजू सेबेश्टियन ने की थी. उन्होंने इस संबंध में आयोजन समिति और उच्चायोग के पत्रों को भी पेश किया है. हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उच्चायोग की तरह से किसी भी तरह की सिफारिश करने के लिये राजू काफी जूनियर अधिकारी हैं.
कलमाड़ी ने कहा कि आयोजन समिति यह साफ करना चाहती है कि हमने भारतीय उच्चायोग के प्रथम सचिव (शिष्टाचार) मिस्टर विक्रांत रतन को परिवहन, आवास और अन्य सेवाओं के लिये एजेंसियों की सूची उनकी अनुमोदित दरों के साथ उपलब्ध कराने के लिये लिखा था.
उन्होंने कहा कि इसके जवाब में भारतीय उच्चायोग के शिष्टाचार विभाग के राजू सेबेश्टियन ने प्रथम सचिव विक्रांत रतन को लिखे गये हमारे मेल का हवाला देते हुए परिवहन के लिये स्वीकृत विक्रेता के रूप में ए एम कार एवं वैन एवं शौफर कंपनी के नाम की जानकारी दी थी.{mospagebreak}उन्होंने कहा कि किसी भी स्टेडियम के डिजाइन में किसी तरह की गंभीर खराबी नहीं है, किसी भी स्टेडियम की छत में कोई खराबी नहीं है. सच्चाई यही है कि स्टेडियम में कोई गड़बड़ी नहीं है और न ही किसी भी छत से पानी टपक रहा है. किसी भी बड़े टूर्नामेंट की अहमियत को कम मत करो.
कुल 80 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आडिटोरियम के अंदर जाने पर कोई भी वीआईपी लांज और वार्म अप क्षेत्र की सीलिंग में दरारें साफ देख सकता है. इससे पता चलता है कि आडिटोरियम को समयसीमा पर आयोजन समिति को सौंपने के लिये कितनी जल्दबाजी में काम करके गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया.