भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने स्वीकार किया है कि चार साल पहले भारतीय टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने अपने खेल में बदलाव किया जो अंत में उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ.
एक मीडिया विज्ञप्ति में सहवाग के हवाले से कहा गया, ‘जब 2007 में मुझे टीम से बाहर किया गया तो किसी ने चयनकर्ताओं से मुझे बाहर करने की उम्मीद नहीं की थी लेकिन खराब फार्म के कारण उन्होंने ऐसा किया. इसी के बाद मैंने सोच और खेलने के तरीके के आधार पर अपने खेल में बदलाव किये. मैंने इस पर सोचना शुरू कर दिया कि कैसे मैं टीम में जगह वापस हासिल करूं.’
यह आक्रामक बल्लेबाज शीतल पेय बनाने वाली कंपनी पेप्सी के विश्वकप अभियान के तहत अपने कैरियर में ‘खेल बदलने वाले लम्हे’ से संबंधित सवाल का जवाब दे रहा था. उन्होंने कहा, ‘मुझे मौका मिला और मैंने फिर खुद को साबित किया. मैंने भारत के लिए टेस्ट मैच बचाया जब मैंने एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 150 रन की पारी खेली.’ {mospagebreak}
सहवाग ने कहा, ‘मैंने दो घंटे में सिर्फ 20 रन बनाये. क्या आप कल्पना कर सकते हो कि सहवाग दो घंटे में 20 रन बनाये? मैं इस तरह नहीं खेलता लेकिन सिर्फ टेस्ट मैच बचाने के लिए मैंने अपने खेल में बदलाव किया.’ सहवाग ने ‘अपर कट’ का जिक्र उन शाट में से एक के रूप में किया जिसने उनका खेल बदला. इस शॉट के जरिये वह गेंद को स्लिप के उपर से थर्ड मैन क्षेत्र में खेलते हैं.
उन्होंने हालांकि कहा कि इस शाट का अभ्यास उन्होंने नेट पर नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘कुछ चीजें नैसर्गिक तौर पर आपके खेल में आ जाती हैं और अपर कट उनमें से एक है. मैंने कभी नेट में इस शाट का अभ्यास नहीं किया.’
सहवाग ने कहा, ‘अपर कट के साथ तेज गेंद पर मैं आसानी से थर्ड मैन क्षेत्र में छक्का मार सकता हूं जो गेंदबाजों को हैरान कर देता है. यह नैसर्गिक रूप से मेरे खेल में आया इसलिए सइमें परफेक्ट बनना आसान हो गया. मैं हमेशा सीमा से आगे सोचने की कोशिश करता हूं और अपर कट ने विशेष तौर पर मेरा खेल बदल दिया.’