भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग अगर क्रीज पर थोड़ा समय टिककर खेल लेते हैं तो मैच का रुख बदल जाता है लेकिन इस विश्वकप में उनकी योजना पूरे 50 ओवर खेलकर अपने प्रतिद्वंद्वियों की मुश्किलें बढ़ाने की है. वह अभी तक वनडे मैच के पूरे 50 ओवर नहीं खेल सके हैं.
सहवाग ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने एक दिवसीय क्रिकेट में कभी 50 ओवर नहीं खेले हैं. अभी तक मैंने 43 या 44 ओवर खेले हैं. लेकिन इस बार मैं 50 ओवर तक बल्लेबाजी और टीम को अच्छी शुरूआत देने की कोशिश करूंगा. मैं पिछले 10 वर्षों से 50 ओवर तक बल्लेबाजी करने की कोशिश कर रहा हूं और असफल रहा हूं लेकिन प्रयास अभी तक जारी है.’
इस बार काफी उम्मीदें लगायी जा रही हैं लेकिन सहवाग ने कहा कि वह दबाव महसूस नहीं कर रहे क्योंकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोच गैरी कर्स्टन ने उन्हें अपना नैसर्गिक खेल खेलने को कहा है, भले ही हालात कुछ भी हों. {mospagebreak}
सहवाग ने कहा, ‘कोई भी मुझे यह नहीं कह रहा कि मुझे क्या करना होगा, यह हमारी टीम की अच्छी बात है. कोच और कप्तान ने मुझे वैसी बल्लेबाजी करने को कहा है जैसी मैं करता हूं. इसलिये वे मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं बढ़ा रहे हैं. उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि अपना नैसर्गिक खेल खेलो. अगर तुम रन बना सको तो हम खुश होंगे लेकिन अगर तुम ऐसा नहीं कर पाते तो भी हम खुश होंगे.’
सहवाग ने कहा, ‘मेरी भूमिका क्रीज पर उतरकर टीम को अच्छी शुरूआत कराने की है. अगर मैं 10 गेंद में 20 रन बनाता हूं या 70 या 80 गेंद में 100 रन बनाता हूं तो मैं इससे खुश हूं.’ इस 32 वर्षीय की शैली क्रीज पर उतरते ही आक्रामक रवैया अख्तियार करने की है लेकिन सहवाग ने कहा कि उन्होंने अपनी आक्रामक प्रवृति को थोड़ा कम कर दिया है.
उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों से मैं अच्छा कर रहा हूं और मैंने थोड़ा बदलाव भी किया है. अब मैं नयी गेंद को थोड़ा सम्मान देता हूं. मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं गेंदबाजों पर हावी होने से पहले चार-पांच ओवर खेल लूं और फिर टीम को अच्छी शुरूआत दिलाने की कोशिश करूं.’ सहवाग ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मध्यक्रम में हमारे पास धोनी, विराट कोहली, यूसुफ पठान, युवराज सिंह और सुरेश रैना मौजूद हैं इसलिये मैं पहली गेंद से आक्रामक हो सकता हूं. लेकिन अब मैं तीन-चार ओवर खेलने के बाद सुनिश्चित करता हूं कि मैं टीम को अच्छी शुरूआत दूं.’ {mospagebreak}
वह टेस्ट में भारत के लिये काफी रन बटोर चुके हैं लेकिन पांच दिवसीय मुकाबले की तुलना में वनडे में उनका रिकार्ड इतना प्रभावित करने वाला नहीं है. लेकिन सहवाग पर आंकड़ों का कोई असर नहीं पड़ता और उनका कहना है कि टीम की सफलता के लिये उनका योगदान ही मायने रखता है.
उन्होंने कहा, ‘मैं वनडे क्रिकेट में अपने प्रदर्शन से खुश हूं. ऐसा इसलिये है क्योंकि हर कोई इस बारे में बात कर रहा है कि मेरा टेस्ट औसत 54 का है जबकि वनडे का औसत सिर्फ 35 है लेकिन इससे मेरा प्रदर्शन खराब नहीं दिखता.’ सहवाग ने कहा, ‘हां मैंने जो प्रदर्शन किया है, मैं उससे बेहतर कर सकता हूं लेकिन मैं खुश हूं. मैं वनडे क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान लगा रहा हूं. लेकिन जब तक मैं टीम के लिये योगदान करता हूं, मैं खुश हूं.’
यह पूछने पर कि क्या वह कंधे की चोट से पूरी तरह उबर गये हैं तो उन्होंने कहा, ‘मैं नियमित उपचार ले रहा हूं और उम्मीद है कि मैं पूरी तरह से ठीक हो जाउंगा.’ कंधे की चोट की चिंताओं के बावजूद उन्होंने कहा कि वह विश्व कप में गेंदबाजी करेंगे लेकिन पूरी तरह से फिट होने के बाद ही वह ऐसा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से मैं गेंदबाजी करना चाहता हूं. मैं टीम इंडिया के लिये योगदान देना चाहता हूं.’