भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की लचर फॉर्म चिंता का विषय बन गई है, लेकिन श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि भारत को मैच जीतने के लिए उनके जैसे ‘प्रभावशाली खिलाड़ी’ की जरूरत है.
जयसूर्या ने कहा, ‘मैं यह नहीं समझ पाता कि लोग मैच विजेता खिलाड़ी जैसे सहवाग की आलोचना क्यों करते हैं. वह प्रभावित करने वाला खिलाड़ी है. सहवाग हर दिन 80 या 100 रन नहीं बनाता लेकिन जब भी वह शीर्ष क्रम में कम से कम 70 रन बनाता है तो आश्वस्त रहिए कि भारत ज्यादातर मौकों पर मैच जीतेगा ही.’
सहवाग के 34वें जन्मदिन से दो हफ्ते ही बचे हैं लेकिन जयसूर्या इस बात से सहमत नहीं हैं कि ‘नजफगढ़ के नवाब’ पर उम्र का असर पड़ रहा है, जिनका गेम काफी हद तक हाथ और आंखों के सांमजस्य पर निर्भर करता है. श्रीलंका के 43 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा, ‘मैं अब भी यह नहीं समझ पा रहा हूं कि कुछ असफलताओं के बाद कारणों में उम्र का सवाल हमेशा क्यों उठाया जाता है. दो-तीन असफलताएं अचानक आपको बूढ़ा नहीं बनाती. अगर कोई फिट है और प्रेरित है तो उम्र कोई कारण नहीं हो सकता.’
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के बारे में जयसूर्या को लगता है कि उन्हें अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए. श्रीलंका के लिए 110 टेस्ट और 445 वनडे खेल चुके इस अनुभवी क्रिकेटर ने कहा, ‘कप्तानी हमेशा ही सीखने की प्रक्रिया होती है. धोनी ने आठ टेस्ट मैच गंवा दिए हैं, इससे वह एक रात में खराब कप्तान नहीं बन गया.’
उन्होंने कहा, ‘हां, उनकी कप्तानी की आलोचना हुई है. मुझे लगता है कि हर कोई गलतियां करता है और इनसे सीख लेता है. धोनी को भी इन आलोचनाओं को सकारात्मक लेते हुए सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए. अगर आप जानते हो कि आप कहां गलत हुए तो इससे आपको अपने खेल में सुधार करने में मदद मिलती है.’
भारतीय टीम की गेंदबाजी की भी आलोचना हुई है और जयसूर्या ने कहा कि टी-20 प्रारूप में एक गेंदबाज हमेशा कुछ रन देगा लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी गेंदबाजों पर इतने ज्यादा रन नहीं बने.
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि भारत को एक अतिरिक्त गेंदबाज की जरूरत है या नहीं, लेकिन अगर आपके सभी गेंदबाजों पर काफी रन बनेंगे तो यह समस्या है. भारत का आक्रमण अच्छा है लेकिन उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अभ्यास मैच में 180 से ज्यादा रन के लक्ष्य का बचाव करना चाहिए था.’