भारतीय क्रिकेट टीम ट्वेंटी-20 विश्व कप के ग्रुप-2 के अपने दूसरे मुकाबले में रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के सामने होगी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले सुपर-8 मैच में शर्मनाक शिकस्त झेलने वाली भारतीय टीम खिताब को दौड़ में बने रहने के लिए हर हाल में यह मैच जीतना होगा. पाकिस्तान की स्थिति भारत से बहुत अच्छी है.
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वह सुपर-8 में अपना पहला मैच जीत चुका है और फिलहाल तालिका में ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है. पाकिस्तान के हाथों हारने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम बेहतर रन रेट के आधार पर तीसरे स्थान पर है जबकि सबसे खराब रन रेट के साथ भारत चौथे स्थान पर है.
पाकिस्तान का पलड़ा इस समय भारी दिख रहा है क्योंकि उसने विश्व कप के अभ्यास मैच में भारत को करारी शिकस्त दी थी. संयोजन के लिहाज से भी पाकिस्तानी टीम इस समय बेहतर स्थिति में दिखाई दे रही है.
उसके पास अच्छे गेंदबाज और स्तरीय बल्लेबाज हैं जबकि भारत के पास बेशक अच्छे बल्लेबाज और कई स्तरीय स्पिनर हैं लेकिन वे इंग्लैंड को छोड़कर किसी अन्य मुकाबले में अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके हैं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली शर्मनाक हार ने भारतीय रणनीतिकारों को अपने फैसलों पर मंथन को मजबूर किया है लेकिन भारतीय टीम की सबसे बड़ी समस्या आज भी टीम संयोजन ही बना हुआ है.
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पाकिस्तानी क्रिकेट भले ही अंदरूनी राजनीति का शिकार रहा है लेकिन कभी भी किसी ने पाकिस्तानी टीम को हल्के में लेने की गलती नहीं की है. जाहिर है, भारत भी ऐसा गलती नहीं करेगा और ऐसी स्थिति में तो बिल्कुल भी नहीं, जब अभ्यास मैच में उसे हार मिल चुकी है.
पाकिस्तान के पास बेशक भारत जितने सक्षम बल्लेबाज नहीं हों लेकिन उसके बल्लेबाजों में भारत की कमजोर आक्रमण पंक्ति को नेस्तनाबूत करने की पूरी क्षमता है और फिर उमर गुल और सोहैल तनवीर जैसे विशेषज्ञ ट्वेंटी-20 गेंदबाज इस टीम की आक्रमण पंक्ति को सबसे सक्षम बनाते हैं.
ऐसे में भारत को अपने खेल का स्तर उठाना होगा क्योंकि इस बार अगर कोई गलती हुई तो फिर धोनी की टीम का 2007 की सफलता को दोहराने का सपना टूट जाएगा.
पाकिस्तान को हराने के लिए भारत को हर लिहाज से संतुलित खेल दिखाना होगा लेकिन उससे पहले कप्तान को संतुलित टीम चुननी होगी, जो जरूरतों पर खरी उतर सके.