भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले विश्वकप क्रिकेट के फाइनल मुकाबले के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद आईसीसी ने इलेक्ट्रानिक मीडिया के कवरेज पर पाबंदी को हटा दिया है लेकिन मीडिया दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है.
आईसीसी ने एक बयान में कहा कि आईसीसी ने क्रिकेट विश्वकप फाइनल में पाबंदी के बजाय आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 के लिए दिशानिर्देशों का बार बार उल्लंघन करने वाले भारतीय चैनलों के खिलाफ कानून कार्रवाई करने का फैसला किया है. इसमें शामिल कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है और भारत में अदालतों के माध्यम से नुकसान की भरपाई की मांग की जाएगी.’
इससे पहले शनिवार को सुबह मुंबई में मैच से पहले दोनों देशों के कप्तानों तथा आईसीसी अध्यक्ष शरद पवार के संवाददाता सम्मेलनों को कवर करने गये चैनलों के प्रतिनिधियों को कवरेज से रोका गया. ऐसी ही पाबंदी बुधवार को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सेमीफाइनल मैच से पहले इलेक्ट्रानिक मीडिया पर लगाई गयी थी. लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी की पहल पर यह पाबंदी हटा दी गयी थी. {mospagebreak}
आईसीसी के वक्तव्य के अनुसार नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में देर तक चली बैठक में नेशनल ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) और ब्रोडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने इस बात का आश्वासन देने से इनकार कर दिया था कि वे अपने कार्यक्रमों में प्रसारण दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचेंगे.
आईसीसी के प्रमुख कार्यकारी हारुन लोर्गट ने कहा, ‘मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि ऐसा हुआ है. हालांकि हमें अपने तथा साझेदारों के विशेष व्यावसायिक अधिकारों को बचाने की जरूरत है. यदि हमें कानूनी कार्रवाई करनी हुई तो यह खेदजनक होगी लेकिन जरूरी भी.’
आईसीसी ने कहा कि संवाददाताओं और कैमरामैन को इस शर्त पर प्रवेशपत्र जारी किये गये थे कि वे दिशानिर्देशों का पालन करेंगे. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्री अंबिका सोनी ने इस मुद्दे पर आईसीसी अध्यक्ष और केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार से बातचीत की और उनसे कहा कि यह मुद्दा इतना बड़ा नहीं है कि इसे सुलझाया नहीं जा सकता. {mospagebreak}
समझा जाता है कि आईसीसी ने अंबिका सोनी से कहा है कि दूरदर्शन को फुटेज प्राप्त करने का अधिकार है इसलिए भारत की जनता तक मैच के प्रसारण में कोई समस्या नहीं आएगी. न्यूज ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन की महासचिव एनी जोसफ ने कहा, ‘‘उन्होंने (आईसीसी ने) हमसे एक सहमति करने के लिए कहा था कि फुटेज का व्यावसायिक उपयोग नहीं होगा, जो कि गलत है.’
उन्होंने कहा कि चैनल टी-20 और एकदिवसीय मैचों के लिए बनाये गये दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं. एनी ने कहा, ‘यदि आईसीसी को कोई समस्या थी तो उन्हें पहले ही बताना चाहिए था और सेमीफाइनल से पहले ऐसा नहीं करना चाहिए था.’ एक अन्य संगठन ब्रोडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) ने कहा कि आईसीसी का फैसला न केवल उसके हितों के बल्कि नागरिकों के सूचना के अधिकार के भी विरोधाभासी है.