भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने फिर से डाउ कैमिकल को लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजन से हटाने की अपनी मांग दोहरायी तथा आयोजन समिति और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से भारत के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए आपसी सहमति से यह मसला निबटाने की अपील की.
आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त जेम्स बेवन से मुलाकात के दौरान उन्हें लोंगों की भावनाओं से अवगत कराया कि खेलों के आयोजक इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
उन्होंने बेवन को बताया कि आईओए पहले ही आईओसी और खेलों के आयोजकों के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज करा चुका है.
मल्होत्रा ने कहा, ‘आईओए का रवैया पहले जैसा ही है कि जब तक मामले का समाधान नहीं हो जाता तब तक डाउ को ओलंपिक खेलों का प्रायोजक नहीं होना चाहिए. यह मामला अब भी अदालत में लंबित है.’
उन्होंने कहा कि आईओए ओलंपिक चार्टर और आईओसी के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन हम इसके साथ ही चाहते हैं कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाए. स्वयंसेवी संगठन, पूर्व ओलंपियन, सिविल सोसायटी के सदस्य और यहां तक कि सरकार को खेलों की प्रायोजन प्रक्रिया में सुधार की जरूरत महसूस होती है.
लंदन ओलंपिक खेलों में भारतीयों की भागीदारी और डाउ मसले पर अपनी सरकार और आयोजन समिति के पक्ष को रखने के लिये बेवन ने सुबह मल्होत्रा से उनके आवास पर मुलाकात की.
मल्होत्रा ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह आईओए सदस्यों को उनकी भावनाओं से अवगत कराएंगे.
उच्चायुक्त ने इसके साथ ही कहा कि ब्रिटेन इन खेलों में भारतीयों का तहेदिल से स्वागत करेगा. उन्होंने आईओए प्रमुख से मजबूत दल भेजने का भी आग्रह किया.
बेवन ने कहा, ‘मुझे पक्का विश्वास है कि भारतीय खिलाड़ी इस बार 2008 बीजिंग ओलंपिक की तुलना में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. मुझे बताया गया है कि कई खिलाड़ियों ने खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया है और आगामी महीनों में कुछ और इसमें जगह बनाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि आईओए और भारत सरकार लंदन खेलों को अपार सफलता दिलाने में मदद करेंगे. मुझे खुशी है कि क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों की तैयारियों पर काफी खर्चा किया जा रहा है और उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है.’