आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस को लगता है कि कमजोर गेंदबाजी और अप्रभावित क्षेत्ररक्षण को देखते हुए भारत की शानदार बल्लेबाजी भी महेंद्र सिंह धोनी की टीम के विश्व कप अभियान को नहीं बचा सकती.
जोंस ने कहा कि धोनी के धुरंधरों का इस प्रतिष्ठित ट्राफी को हासिल करने का सपना सिर्फ सपना ही बनकर रह जायेगा. उन्होंने ‘द ऐज’ में लिखे अपने कालम में लिखा, ‘सभी विश्व कप चैम्पियन टीमों में तीन मुख्य चीजों में निरंतरता रही है. टीम के शीर्ष चार बल्लेबाज उच्च स्तरीय होने चाहिए. उन्हें नई गेंद का सामना करने की तकनीक और पावरप्ले के दौरान ताकतभरे स्ट्रोक खेलना आना चाहिए. टीम के शीर्ष चार गेंदबाज उच्च स्तरीय होने चाहिए जो दबाव झेलने के बावजूद पावरप्ले में डिफेंसिव गेंदबाजी करें. अगर आप क्षेत्ररक्षण नही कर सकते तो जीत की उम्मीद मत करो.’
जोंस ने अपने लेख में लिखा, ‘इन सबको देखते हुए मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों की मौजूदा फार्म को देखते हुए भारत विश्व कप जीतेगा. धोनी को बता दो कि वह सपना देख रहा है.’ जोंस ने कहा कि टीम में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त रखने की क्षमता रखते हैं, की मौजूदगी के बावजूद भारत विश्व कप नहीं जीत सकता. उन्होंने लिखा, ‘हर कोई भारतीय टीम का बहुत सम्मान करता है. इसमें कोई शक नहीं कि उसमें शानदार बल्लेबाज मौजूद हैं. तेंदुलकर और सहवाग किसी भी आक्रमण की धज्जियां उड़ा सकते हैं. लेकिन वे अकेले भारत के लिये विश्व कप नहीं जीत सकते. धोनी सपना देख रहा है.’
पूर्व आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा कि धोनी की टीम में जहीर खान, आशीष नेहरा, पीयूष चावला और हरभजन सिंह का गेंदबाजी संयोजन पिछली टीमों की गेंदबाजी के स्तर से मेल नहीं खाता. उन्होंने कहा, ‘कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी स्वीकार किया है कि उसके क्षेत्ररक्षक काफी धीमे हैं. लेकिन धोनी मानता है कि वह जहीर खान, आशीष नेहरा, पीयूष चावला और हरभजन सिंह के अपने गेंदबाजी आक्रमण से विश्व कप जीत सकते हैं. धोनी को इतिहास के पन्ने पलटकर देखना चाहिए कि इस तरह का गेंदबाजी आक्रमण विश्व कप जीतने के लिये काफी नहीं है.’