भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का मानना है कि यदि तेज गेंदबाज आशीष नेहरा फिट हों तो उन्हें मौजूदा विश्वकप में अंतिम एकादश में शामिल किया जाना चाहिये क्योंकि उसे डेथ ओवरों में गेंदबाजी का अनुभव है.
द्रविड़ ने कहा, ‘यदि आशीष नेहरा फिट हो तो उसे उतारना चाहिये क्योंकि उसे विश्वकप में गेंदबाजी का अनुभव है और उसमें क्षमता भी है. उसे डेथ ओवरों में गेंदबाजी का अनुभव है.’ भारत ने अब तक तीन मैच खेलकर तीनों में जीत दर्ज की है लेकिन गेंदबाजी उसकी कमजोर कड़ी साबित हुई है. नेहरा फिटनेस समस्याओं के कारण अंतिम एकादश में जगह नहीं बना पाये.
द्रविड़ ने कहा कि टूर्नामेंट की अभी शुरूआत ही हुई है और लय हासिल करने के लिये काफी समय है. उन्होंने कहा, ‘यह टूर्नामेंट का शुरूआती चरण है और ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है. उपमहाद्वीप में अनियमित गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. दूसरे गेंदबाज भी इस पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.’ {mospagebreak}
इस टेस्ट बल्लेबाज ने कहा कि यदि नॉकआउट चरण से पहले भारत ने सही गेंदबाजी संयोजन बना लिया तो उसे फायदा होगा. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि कोई टीम हर समय एक खास सोच लेकर नहीं उतर सकती. द्रविड़ ने कहा, ‘जहीर भारत की अंतिम एकादश का हिस्सा होंगे लेकिन तीन तेज गेंदबाजों या दो स्पिनरों को लेकर उतरने का फैसला हालात पर निर्भर करेगा. कोई खास सोच लेकर नहीं उतरा जा सकता.’
विवादित निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के बारे में पूछे जाने पर द्रविड़ ने कहा कि गलतियां हर तकनीक का हिस्सा होती हैं. द्रविड़ ने कहा, ‘मेरे पास डीआरएस के बारे में इस तथ्य के अलावा ज्यादा कहने के लिए कुछ नहीं है कि आप जो भी करते हैं उसमें गलतियां होती हैं. इनसे (गलतियों से) सीखते हुए इसमें सुधार करना चाहिए और बेहतर होते रहना चाहिए. जितना संभव हो तकनीक का प्रयोग और इसमें सुधार करना चाहिए.’ {mospagebreak}
पूछे जाने पर कि क्या वह डीआरएस के समर्थन में हैं, उन्होंने कहा, ‘गलतियां तो होती हैं लेकिन कई बार इससे अच्छे फैसले भी होते हैं. मैं निश्चित रूप से तकनीक में सुधार करने के पक्ष में हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से तकनीक में सुधार का प्रयास करने के पक्ष में हूं.’ द्रविड़ ने कहा, ‘अगर आप तकनीक हटाना चाहते हैं और केवल मैदानी अंपायर चाहते हैं तो आपको गलतियां स्वीकार करनी पड़ेगी और उनके बारे में चिंतित मत होइये.’
अगले विश्वकप से इसमें भाग लेने वाली टीमों की संख्या 14 से घटाकर 10 करने के आईसीसी के फैसले के बारे में द्रविड़ ने कहा कि अगर आप क्रिकेट को बढावा देना चाहते हैं तो कमजोर टीमों को प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एसोसिएट देश काफी प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने इस स्तर पर आने के लिए काफी कड़ी मेहनत की है. इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है, उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों का पहचानने की जरूरत है. अगर हम क्रिकेट को आगे बढाना चाहते हैं तो उन्हें बढावा दिया जाना चाहिए.’