उप महाद्वीप में हाल के वर्षों में संघर्ष करने के बावजूद इंग्लैंड के स्पिनर ग्रीम स्वान ने इस बात को नकार दिया कि 15 नवंबर से यहां शुरू होने वाली चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान उनकी टीम के लिये भारतीय स्पिनर सबसे बड़ा खतरा होंगे.
यदि बांग्लादेश को छोड़ दिया जाए तो इंग्लैंड उपमहाद्वीप में पिछले 22 टेस्ट मैचों में केवल दो मैच में जीत दर्ज कर पाया है. इसका मुख्य कारण उसके बल्लेबाजों का उच्च स्तर की स्पिन गेंदबाजी के सामने नहीं टिक पाना रहा.
इंग्लैंड को पाकिस्तान ने इस साल के शुरू में संयुक्त अरब अमीरात में खेली गयी श्रृंखला में 0-3 से हराया था. इससे पहले अप्रैल में वह श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला केवल ड्रा करा पाया था.
स्वान ने हालांकि कहा कि दुबई का विकेट उपमहाद्वीप की पिच से एकदम भिन्न था. स्वान ने कहा, ‘मैं समझता हूं पिछली सर्दियां कुछ भिन्न थी. पहली बात जब हम दुबई में खेले तो वह वास्तव में उपमहाद्वीप नहीं था. वहां विकेट बिल्कुल अलग तरह का था. उसमें काफी उछाल थी और वह स्पिन भी हो रही थी.’
उन्होंने कहा, ‘भारत के विकेट अधिक पारंपरिक हैं और यदि फिर से ऐसा होता है तो मुझे बहुत हैरानी होगी.’
स्वान ने इसके साथ ही कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के सईद अजमल जैसा रहस्यमयी स्पिनर नहीं हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारे बल्लेबाज रहस्यमयी स्पिनर अजमल को नहीं समझ पाये. भारत के पास वास्तव में उस जैसा रहस्यमयी स्पिनर नहीं है.’
इस ऑफ स्पिनर ने हालांकि स्वीकार किया कि इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हमेशा अच्छे स्पिन आक्रमण के सामने परेशानी होती है. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से हमारे लिये ऐसा कहा जाता है और इसमें सच्चाई भी है. स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ हमारा रिकॉर्ड खराब है. मैं समझता हूं कि अब यह मानसिकता से जुड़ा मसला अधिक है क्योंकि दुनिया भर में अब विकेटों में पहले जैसा अंतर नहीं है.’
स्वान ने कहा, ‘श्रीलंका में हम जिन विकेटों पर खेले थे उनसे स्पिनरों को मदद नहीं मिल रही थी. वह ओल्ड ट्रेफोर्ड और ट्रेंट ब्रिज के विकेटों से ज्यादा भिन्न नहीं थे. वे चौथे या पांचवें दिन अधिक स्पिन ले रहे थे लेकिन हमें यह भूलने की जरूरत है कि हम कहां खेल रहे हैं. हमें क्रीज पर उतरकर गेंद को देखकर खेलने की जरूरत है.’
स्वान ने कहा कि उनकी टीम पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ खेली गयी श्रृंखलाओं के अनुभव का यहां फायदा उठाना चाहेगी. उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि यूएई में हम अपने दायरे में सिमट गये थे और इसका हमें नुकसान हुआ. बल्लेबाज के रूप में हमें सीखने को मिला कि आपको सकारात्मक बने रहना है और बल्लेबाजी करते हुए अधिक आक्रामकता दिखाने की जरूरत है. हमारे पास कौशल की कमी नहीं है और यदि भारत में टेस्ट श्रृंखला में हम बल्लेबाजी में दबदबा बनाते हैं तो मुझे हैरानी नहीं होगी.’