विश्व कप के पहले मैच में आक्रामक पारी खेलकर बांग्लादेशी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि वह पिछले विश्व कप में इसी प्रतिद्वंद्वी के हाथों मिली हार का बदला चुकता करना चाहते थे.
मैच के बाद सहवाग से जब यह पूछा गया कि क्या बदला लेना उनके जेहन में था तो उन्होंने कहा, ‘शायद ऐसा ही था.’ यह पूछने पर कि क्या उन पर अच्छा खेलने का दबाव था, सहवाग ने कहा, ‘मुझ पर कोई दबाव नहीं रहता. मेरा ध्यान खेलने और रन बनाने पर ही होता है.’
सिर्फ 140 गेंद में 175 रन बनाने वाले सहवाग ने कहा, ‘जब हमने शुरूआत की तो पहले तीन चार ओवर में दस रन प्रति ओवर बने. इसके बाद हमने सावधानी के साथ खेलने का फैसला किया ताकि विकेट सुरक्षित रहें.’
सहवाग ने हालांकि बांग्लादेशी टीम के जुझारूपन की तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेशी टीम में उलटफेर करने का माद्दा है. यह अच्छी टीम है और बड़ी टीमों के खिलाफ अच्छा खेलने की इसमें क्षमता है.’ उन्होंने 83 गेंद में 100 रन बनाने वाले विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा, ‘उसने अच्छी पारी खेली. वह अब परिपक्व हो गया है.’
सहवाग ने कहा कि इस विकेट पर 300-320 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान था और यदि महेंद्र सिंह धोनी टास जीतते तो टीम प्रबंधन का फैसला पहले क्षेत्ररक्षण का होता.