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ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट जीतने से प्रेरणा लेना चाहती है सानिया

सानिया मिर्जा का ओलंपिक पदक जीतने का सपना भले ही पूरा नहीं हुआ हो लेकिन यह दिग्गज भारतीय टेनिस खिलाड़ी इससे परेशान नहीं है और उन्‍होंने कहा कि वह अपना कैरियर समाप्त करने से पूर्व एक या दो ग्रैंडस्लैम खिताब और जीतना चाहती हैं.

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सानिया मिर्जा
सानिया मिर्जा

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सानिया मिर्जा का ओलंपिक पदक जीतने का सपना भले ही पूरा नहीं हुआ हो लेकिन यह दिग्गज भारतीय टेनिस खिलाड़ी इससे परेशान नहीं है और उन्‍होंने कहा कि वह अपना कैरियर समाप्त करने से पूर्व एक या दो ग्रैंडस्लैम खिताब और जीतना चाहती हैं.

ओलंपिक के बाद सानिया के कैरियर में कुछ बदलाव होना जरूरी है क्योंकि अब वह डब्ल्यूटीए टूर पर एकल स्पर्धाओं में नहीं खेलेंगी और सिर्फ प्रतियोगिताओं पर ध्यान लगाएंगी. महेश भूपति के साथ सानिया की ग्रैंडस्लैम जीतने वाली जोड़ी भी संदेह के घेरे में हैं क्योंकि दोनों ने अब तक इस जोड़ी को बरकरार रखने के बारे में बात नहीं की है.

न्यूयार्क में हालांकि जब कुछ दिन बाद अमेरिकी ओपन शुरू होगा तो हमें पता चल जाएगा कि सानिया और महेश भूपति की जोड़ी बरकरार है या नहीं. ओलंपिक से पहले चयन विवाद को लेकर इस जोड़ी में मतभेद उभरे हैं. हमने सानिया से ओलंपिक के बाद उनके भविष्य को लेकर बात की.

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उनके इंटरव्यू के मुख्य अंश.
सवाल: अच्छे प्रदर्शन के बावजूद लंदन खेलों के क्वार्टर फाइनल में शिकस्त से निश्चित तौर पर आपका दिल टूटा होगा.
जवाब: किसी बड़े टूर्नामेंट में हार पहले दौर में हो या फाइनल में, यह हमेशा निराशाजनक होती है लेकिन एक खिलाड़ी के रूप में हमें वापसी करना सीखना होता है और अगली चुनौती के लिए तैयारी होना पड़ता है.

सवाल: आपने एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेल, एफ्रो एशियाई खेल में पदक जीते हैं लेकिन ओलंपिक पदक नहीं मिल सका. आपको लगता है कि रियो दि जिनेरियो में एक बार फिर कोशिश की जा सकती है.
जवाब: देश के लिये खेलने में मुझे हमेशा गर्व महसूस होता है. ओलंपिक में या अन्य खेलों में मैने अपनी ओर से पूरी कोशिश की. यदि मैं ओलंपिक का हिस्सा नहीं होती तो अधूरा महसूस करती. ओलंपिक मेरे लिये भाईचारे और दुनिया भर के खिलाड़ियों के बीच सौहाद्र्र का अनूठा अनुभव रहा. जीत हार तो किस्मत की भी बात है. रोजर फेडरर टेनिस के बादशाह है लेकिन कभी एकल का स्वर्ण नहीं जीत सके और ना ही पीट सम्प्रास. टेनिस खिलाड़ियों को हर चार महीने में ग्रैंडस्लैम के जरिये अपनी प्रतिभा की बानगी पेश करने का मौका मिलता है.

सवाल: ओलंपिक हर खिलाड़ी का बड़ा सपना होता है. आपका अगला लक्ष्य क्या है और आपको क्या प्रेरित करता है.
जवाब: टेनिस मेरा जुनून है और मुझे खेल का दबाव बहुत पसंद आता है. मैं अपनी रैंकिंग सुधारना और ग्रैंडस्लैम जीतना चाहूंगी. टूर्नामेंट खेलते समय तिरंगा लहराता देखना किसी भी भारतीय के लिये फख्र की बात होती है और प्रेरणा भी.

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सवाल: क्या आपको ब्राजील में अगला ओलंपिक खेलने की उम्मीद है.
जवाब: टेनिस खिलाड़ी के लिये चार साल बहुत लंबा समय है. उसके लिये कोई यथार्थवादी आकलन नहीं किया जा सकता.

सवाल: लिएंडर पेस ने कहा है कि आपके साथ खेलने में उन्हें बहुत मजा आया. आपका अनुभव कैसा रहा.
जवाब: लिएंडर काफी अनुभवी युगल खिलाड़ी है और उनके साथ खेलना मजेदार रहा.

सवाल: आपको लगता है कि आप महेश भूपति के साथ बेहतर खेलती या पदक जीत सकती थी.
जवाब: अब इन सब सवालों के कोई मायने नहीं है और इसके लिये बहुत देर भी हो चुकी है.

सवाल: आप टूर पर भूपति के साथ ही खेलती रहेंगी.
जवाब: अभी मैने इस बारे में नहीं सोचा.

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