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भूपति-बोपन्ना को राहत, HC ने प्रतिबंध फैसले पर लगाई रोक

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शनिवार को महेश भूपति और रोहन बोपन्ना पर देश का प्रतिनिधित्व करने को लेकर लगाए गए अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के दो साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी.

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महेश भूपति
महेश भूपति

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शनिवार को महेश भूपति और रोहन बोपन्ना पर देश का प्रतिनिधित्व करने को लेकर लगाए गए अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के दो साल के प्रतिबंध पर रोक लगा दी.

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एआईटीए ने अनुशासनात्मक आधार पर इन दोनों खिलाड़ियों पर 30 जून 2014 तक प्रतिबंध लगाया था. इन दोनों खिलाड़ियों ने खुद पर एआईटीए द्वारा लगाए गए दो साल के इस प्रतिबंध को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की थी.

इसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मोहन शांतनागौदार ने एआईटीए और खेल मंत्रालय को आपात नोटिस जारी करने का आदेश दिया. न्यायमूर्ति ने एआईटीए के इस फैसले पर भी रोक लगा दी.

वकील आदित्य सोंधी इन दोनों खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उन्होंने यह दलील सौंपी थी कि एआईटीए का यह ‘मनमाना’ फैसला था क्योंकि यह इन खिलाड़ियों की सुनवाई के बिना लिया गया था.

भूपति ने रोहन बोपन्ना के साथ भारत की डेविस कप टीम से बाहर किए जाने के लिए हाल में एआईटीए को अदालत में खींचने की धमकी दी थी और कहा था कि वह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि राष्ट्रीय टेनिस महासंघ का यह कदम कानूनी है या नहीं.

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एआईटीए ने यह फैसला भारत की युवा डेविस कप टीम के 15 सितंबर को चंडीगढ़ में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 की अजेय बढ़त बनाने के बाद लिया था.

सोंधी ने कहा कि भूपति और बोपन्ना ने एआईटीए के फैसले पर इस आधार पर चुनौती दी है कि उन्हें प्रतिबंध लगाने से पहले कोई नोटिस भी नहीं भेजा गया.

दोनों खिलाड़ियों ने सौंपी गई अपनी याचिका में कहा था कि एआईटीए ने उनके विचार नहीं सुने और उन्हें अपने इस प्रतिबंध के आदेश के बारे में भी सूचित नहीं किया. खिलाड़ियों ने कहा कि उन्हें इस फैसले की खबर मीडिया के जरिए मिली.

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