कृष्णा पूनिया, 29 वर्ष
डिस्कस
अग्रोहा, हरियाणा
खेल की शैली वे अपनी 80 किलो की काया की ऊर्जा को केंद्रित करने के लिए अपने फेंकने वाले हाथ को पोजीशन करती हैं. वह गति जुटाने के लिए अपना धड़ घुमाती हैं और अंत में पूरा चक्कर घूम जाती हैं. और जब वे डिस्कस को हवा में फेंकती हैं, तो अपनी मांसपेशियों की सारी ताकत दाहिनी बांह में झोंक देती हैं. उड़ती हुई डिस्क 64 मीटर दूर गिरती है, जो उनके वर्तमान व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के करीब है, लेकिन उनके पति और कोच वीरेंद्र पूनिया को चिंता है कि इतना ओलंपिक के लिए काफी नहीं होगा.
उनकी कहानी दिल्ली में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रैक और फील्ड ईवेंट में गोल्ड मेडल हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला कृष्णा पूनिया हमेशा से खेल में करियर बनाने का सपना नहीं देखती थीं. गांव की यह लड़की इस खेल से तब जुड़ी, जब वह कॉलेज में थी. 20 वर्ष की उम्र में शादी और एक साल बाद प्रेग्नेंट होने पर उन्होंने एक घरेलू महिला बनने के अलावा हर उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन उनके सुसराल वाले कुछ और ही चाहते थे. उन्होंने नई दुल्हन को घूंघट में रखने से मना कर दिया और उन्हें अपने खेल का जुनून बरकरार रखने के लिए प्रेरित किया. अपने बेटे लक्ष्य राज को जन्म देने के छह महीने बाद कृष्णा वापस खेलने के लिए और उस सपने को पूरा करने के लिए तैयार हो गईं, जो उन्होंने और वीरेंद्र ने देखा था.
खास है इस साल अमेरिका में हुई एल्टिअस ट्रैक क्रू थ्रो डाउन ईवेंट में कृष्णा ने 64.76 मीटर की दूरी तक डिस्कस फेंककर 64.64 मीटर का मौजूदा राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया. उनकी निगाहें 65 मीटर पर लगी हैं.
चुनौतियां इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड 68.89 मीटर का है, जो जर्मनी की नदाइन मूलर के नाम है. कृष्णा को मूलर को हराने के लिए 64.76 मीटर से बहुत आगे जाना होगा.
मिशन ओलंपिक पिछले कुछ महीनों में प्रशिक्षण के दौरान कृष्णा अपने निजी सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड 64.76 मीटर से आगे जाने में सफल रही हैं और वे ओलंपिक में मेडल तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं.