वीवीएस लक्ष्मण के तुरंत प्रभाव से संन्यास लेने के फैसले से क्रिकेट जगत को ही हैरानी नहीं हुई बल्कि उनकी पत्नी शैलजा भी स्तब्ध है जिनका मानना है कि यह अनुभवी बल्लेबाज अपनी ‘पहली पत्नी’ के बिना कैसे रहेगा.
लक्ष्मण ने जिस प्रेस कांफ्रेंस में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया शैलजा ने उसी में नम आंखों से कहा, ‘मुझे भी झटका लगा था. जब लक्ष्मण ने पहली बार फैसले से अवगत कराया. क्योंकि उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को भारत में हराना था. इसलिए हमें ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला तक उनके खेलने की उम्मीद थी. यह हैरानी भरा है.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी. यही अधिक मायने रखता है.’
एक सवाल के जवाब में शैलजा ने कहा कि वह लक्ष्मण को कुछ और समय खेलते हुए देखना चाहती थी.
उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से. उनकी भलाई चाहने वाले अन्य लोगों की तरह हम भी उन्हें ऑस्ट्रेलियाई श्रृंखला तक खेलते हुए देखना चाहते थे. उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को घरेलू श्रृंखला में हराना था. क्योंकि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था.’
शैलजा ने हालांकि कहा कि लक्ष्मण को निश्चित तौर पर क्रिकेट नहीं खेलना खलेगा क्योंकि यह खेल उनकी ‘पहली पत्नी’ है. लक्ष्मण को दार्शनिक और धार्मिक करार देते हुए शैलजा ने कहा कि उनके पति भागवद गीता के सिद्धांतों पर चलते हैं.
उन्होंने कहा, ‘लक्ष्मण के दादा जी दिवंगत जगानध शास्त्री गारू के तन मन में भागवद गीता बसी थी. उन्होंने इसे जिया है. वह ऐसे परिवार से संबंध रखते हैं. वह हर उस चीज को मानते हैं जो भागवद गीता में लिखी है. मुझे उनकी पत्नी होने पर गर्व है.’
शैलजा ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लक्ष्मण संन्यास के बाद परिवार के सदस्यों के साथ समय बिता पाएंगे विशेषकर बच्चों के साथ जिन्हें अपने पिता की काफी कमी खलती थी.
लक्ष्मण को सबसे पहले क्रिकेट शिविर में ले जाने वाले उनके मामा बाबा कृष्ण मोहन ने कहा कि वह उन्हें आगे भी खेलते हुए देखना चाहते थे.
पूर्व क्रिकेटर वेंकटापति राजू ने कहा कि वह लक्ष्मण के इस फैसले से हैरान हैं और वह चाहते थे कि यह क्रिकेटर अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट खेलने के बाद संन्यास ले.