फर्राटा के बादशाह उसैन बोल्ट ने ओलंपिक में इतिहास रचने का अपना अभियान जारी रखते हुए जमैका की रिले टीम के सदस्य के रूप में चार गुणा 100 मीटर में विश्व रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता.
सोमालियाई मूल के ब्रिटिश धावक मो फराह ने भी खुद का नाम ओलंपिक इतिहास की किताब में दर्ज कराया. उन्होंने पुरुषों की 5000 मीटर में सोने का तमगा जीता. सात दिन पहले ही उन्होंने दस हजार मीटर का खिताब जीता था. इस तरह से वह इन दोनों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले दुनिया के केवल सातवें एथलीट बन गये हैं.
बोल्ट और उनके साथियों नेस्टा कार्टर, माइकल फ्रेटर और योहान ब्लेक ने 36.84 सेकेंड का समय निकालकर चार गुणा 100 मीटर रिले में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया. इससे पहले का रिकार्ड भी जमैका की टीम के नाम पर ही थी. उसने दीगू में पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में 37.04 सेकेंड का समय लेकर यह रिकार्ड बनाया था.
बोल्ट का यह लंदन ओलंपिक में तीसरा स्वर्ण पदक है. उन्होंने इससे पहले 100 मीटर और 200 मीटर में भी सोने का तमगा जीता था. इस तरह से वह लगातार दूसरी बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी करने में सफल रहे. उन्होंने बीजिंग में भी इन तीनों स्पर्धाओं के स्वर्ण पदक जीते थे.
लंदन में अमेरिकी टीम ने रजत तथा त्रिनिदाद एवं टोबैगो की टीम ने कांस्य पदक जीता. रेस समाप्त होने के बाद बोल्ट ने कहा, ‘इस शानदार तरह से ओलंपिक का अंत करना शानदार है. पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में भी हमने ऐसा किया था और इस बार भी हम ऐसा करने में सफल रहे. यह शानदार चैंपियनशिप थी मैं बहुत खुश हूं.’
फराह ने बाद में कहा, ‘मैं दो स्वर्ण पदक जीतकर रोमांचित हूं. मुझे दर्शकों का अपार समर्थन मिला. यह मेरे लिये काफी मायने रखा. ये दो पदक निश्चित तौर पर मेरी होने वाली दो जुड़वां बेटियों के लिये हैं.’
अमेरिका की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने तीन मिनट 16.87 सेकेंड का समय लेकर स्वर्ण पदक हासिल किया. रूस ने भी एथलेटिक्स में दो स्वर्ण पदक जीते. विश्व चैंपियन मारिया सेविनोवा ने महिलाओं की 800 मीटर और अन्ना चिचेरोवा ने उंची कूद के खिताब अपने नाम किये.
त्रिनिदाद एवं टौबेगो केशोर्न वालकाट ने भाला फेंक में सोने का तमगा हासिल किया. वालकाट अभी 19 साल के हैं और सबसे कम उम्र में भाला फेंक का खिताब जीतने वाले एथलीट हैं. उन्होंने 84.58 मीटर भाला फेंका.